म्यांमार में 4.7 तीव्रता का भूकंप: केंद्र मणिपुर के पास 15 किमी गहराई में, नागालैंड-असम में भी कंपन

म्यांमार में मंगलवार सुबह आए भूकंप ने भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र को हिला दिया। नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी (एनसीएस) के अनुसार, 4.7 तीव्रता का यह भूकंप सुबह 6:10 बजे आया, जिसका केंद्र मणिपुर के उखरुल से मात्र 27 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व में स्थित था। भूकंप का केंद्र बिंदु जमीन से महज 15 किलोमीटर की गहराई में था, जिसके कारण इसके झटके आसपास के इलाकों में स्पष्ट महसूस किए गए।

भूकंप के सटीक निर्देशांक अक्षांश 24.73 उत्तर और देशांतर 94.63 पूर्व हैं। यह घटना भारत-म्यांमार सीमा के निकट होने के कारण मणिपुर के अलावा नागालैंड और असम के कई हिस्सों में भी महसूस की गई। नागालैंड के वोकha (155 किमी दक्षिण-दक्षिणपूर्व), डिमापुर (159 किमी दक्षिण-पूर्व) और मोकोकचुंग (177 किमी दक्षिण) जैसे जिलों में हल्के झटके दर्ज किए गए। इसी तरह, असम के गुवाहाटी और आसपास के क्षेत्रों में भी कंपन महसूस हुआ। मिजोरम के कुछ हिस्सों जैसे एनगोपा (171 किमी उत्तर-पूर्व) और चाम्फाई (193 किमी उत्तर-पूर्व) में भी प्रभाव देखा गया।

अभी तक कोई जानमाल की हानि या संपत्ति को नुकसान की कोई खबर नहीं आई है। हालांकि, स्थानीय प्रशासन ने सतर्कता बरतने की सलाह जारी की है। पूर्वोत्तर भारत भूकंपीय रूप से सक्रिय क्षेत्र है, जहां सागरंग फॉल्ट लाइन के कारण बार-बार ऐसे झटके आते रहते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि इस गहराई का भूकंप सतह पर ज्यादा प्रभाव नहीं डालता, लेकिन फिर भी सावधानी जरूरी है।

एनसीएस और यूएसजीएस (यूएस जियोलॉजिकल सर्वे) की रिपोर्ट के मुताबिक, यह भूकंप स्ट्राइक-स्लिप प्रकार का था, जो क्षेत्र की भूगर्भीय संरचना के अनुरूप है। यदि आपको झटके महसूस हों, तो ‘ड्रॉप, कवर एंड होल्ड ऑन’ का पालन करें।

यह घटना म्यांमार के सागरंग क्षेत्र में मार्च 2025 में आए 7.7 तीव्रता के बड़े भूकंप की याद दिला रही है, जिसने व्यापक तबाही मचाई थी। फिलहाल, स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन अधिकारी घटनाक्रम पर नजर रखे हुए हैं।





