ED:-जमीन घोटाले मामले में आरोपी जेल भेजे गए ,रिमांड की अवधि समाप्त , 13 दिनों की पूछताछ में ईडी को मिले कई महत्वपूर्ण जानकारी
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प्रेरणा चौरसिया
Drishti Now Ranchi
रांची में सेना की जमीन की अवैध बिक्री के मामले में आज आरोपितों को जेल भेज दिया गया. ईडी ने 13 दिनों तक इन संदिग्धों से पूछताछ की थी। परिणामस्वरूप उन्हें तीन ईडी रिमांड मिले। इस पूछताछ के दौरान आरोपी ने ईडी को कई अहम जानकारियां मुहैया कराई हैं। सभी आरोपितों को आज रिमांड से रिहा कर दिया गया। उसके बाद उन्हें ईडी की विशेष अदालत में पेश किया गया। इसके बाद उन्हें बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल ले जाया गया।
एक आरोपी जेल भेजा जा चुका है
इन प्रतिवादियों को आज विशेष ईडी न्यायाधीश दिनेश राय के सामने पेश किया गया। जिससे उन्हें कैद होना अनिवार्य हो गया था। पूर्व में हुई सुनवाई के बाद एक आरोपी को जेल भेज दिया गया। आज जेल जाने वालों में बरगई जोन के सीआई प्रदीप बागची भानु प्रताप प्रसाद, अफसर अली, इम्तियाज अहमद, तल्हा खान और सद्दाम हुसैन शामिल हैं.
छापेमारी के बाद हुई थी गिरफ्तारी
आर्मी जमीन घोटाला मामले में 13 अप्रैल को ईडी ने आईएएस अधिकारी छवि रंजन, अंचल अधिकारी मनोज कुमार सहित जमीन के कारोबार से जुड़े 18 लोगों के कुल 21 ठिकानों पर छापा मारा था। छापामारी के दायरे में झारखंड के 18, बिहार के एक और पश्चिम बंगाल के दो ठिकाने शामिल हैं।
क्या है आर्मी लैंड स्कैम
दरअसल जिस मामले को लेकर ईडी ने छापेमारी की वह आर्मी लैंड स्कैम है। इस स्कैम का आरोपी प्रदीप बागची है। बागची ने ही सेना की जमीन की खरीद बिक्री के लिए फर्जी दस्तावेज तैयार किया था। प्रदीप बागची के पूर्वज प्रफुल्ल बागची ने वर्ष 1932 में सेल डीड संख्या 4369 के सहारे खतियानी रैयत प्रमोद दास गुप्ता से यह जमीन खरीदी थी। फर्जी तरीके से तैयार किये गये इस सेल डीड की रजिस्ट्री पश्चिम बंगाल में दिखायी गयी थी। जबकि 1932 में पश्चिम बंगाल राज्य का गठन ही नहीं हुआ था। पश्चिम बंगाल राज्य का गठन देश के विभाजन के बाद हुआ। इडी ने इस फर्जी सेल डीड को कब्जे में ले लिया है।