गिरिडीह: पंचायत सेवक की आत्महत्या मामले में डुमरी बीडीओ समेत चार के खिलाफ प्रताड़ना की FIR, प्रशासनिक संघ में रोष
गिरिडीह: पंचायत सेवक की आत्महत्या मामले में डुमरी बीडीओ समेत चार के खिलाफ प्रताड़ना की FIR, प्रशासनिक संघ में रोष
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!गिरिडीह के डुमरी प्रखंड में पंचायत सेवक सुखलाल महतो की आत्महत्या के बाद डुमरी बीडीओ अन्वेषा ओना, रोजगार सेवक अनिल कुमार, पीएम आवास योजना के ब्लॉक कोआर्डिनेटर, और बलथरिया पंचायत के मुखिया पति परमेश्वर नायक के खिलाफ प्रताड़ना का आरोप लगाते हुए थाने में FIR दर्ज की गई है। इस कार्रवाई से झारखंड प्रशासनिक सेवा संघ ने कड़ा विरोध जताया है। उप विकास आयुक्त स्मिता कुमारी की अध्यक्षता में डुमरी में हुई एक अहम बैठक में इस मामले पर गहन चर्चा की गई। गौरतलब है की इस मामले में डुमरी विधायक जयराम महतो लगातार जनता के साथ खड़े होकर प्रदर्शन कर न्याय की मांग कर रहे है।
संघ का रोष: थाना प्रभारी पर कार्रवाई की मांग
बैठक में राजस्व, निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग के निर्देशों की अनदेखी कर बिना प्रशासी विभाग की अनुमति के FIR दर्ज करने पर नाराजगी व्यक्त की गई। संघ ने थाना प्रभारी के खिलाफ उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंपकर कार्रवाई की मांग करने का फैसला किया। साथ ही, केंद्रीय समिति को प्रस्ताव भेजकर सभी प्रशासी विभागों, खासकर पुलिस, से निर्देशों का पालन सुनिश्चित करने का अनुरोध करने का निर्णय लिया गया। इस प्रस्ताव की प्रतियां मुख्यमंत्री, सभी प्रमंडलीय आयुक्तों और उपायुक्तों को भी भेजी जाएंगी।
विकास कार्यों पर पड़ेगा असर: संघ
संघ ने चिंता जताई कि यदि नियंत्रक पदाधिकारी की निगरानी या समीक्षा को प्रताड़ना के रूप में देखा जाएगा, तो जिला स्तर की समीक्षा बैठकों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। इससे विकास कार्यों की गति धीमी हो सकती है। बैठक में पंचायत सेवक की मृत्यु पर शोक व्यक्त किया गया और उनके परिवार के प्रति संवेदना जताई गई।
पंचायत सेवक की पृष्ठभूमि पर सवाल
संघ ने बताया कि मृत पंचायत सेवक सुखलाल महतो पहले भी बगोदर प्रखंड में पदस्थापन के दौरान पदाधिकारी के निर्देशों की अवहेलना के लिए निलंबित हो चुके थे। पीरटांड़ प्रखंड में भी उन्होंने आत्महत्या या आत्मदाह की धमकी दी थी, जिसके बाद बीडीओ ने उपायुक्त को सूचित किया था। संघ का कहना है कि पंचायत सेवक की अस्थिर मानसिकता और कमजोर मनोवृत्ति के कारण उनके बयानों के आधार पर बीडीओ पर लगाए गए आरोप निराधार हैं।
बैठक में अपर समाहर्ता विजय सिंह बिरुआ, जिला परिवहन पदाधिकारी शैलेश प्रियादर्शी, डीएसओ गुलाम समदानी, धनवार सीओ गुलजार अंजुम समेत कई वरिष्ठ पदाधिकारी शामिल थे।







