रजरप्पा में दिशोम गुरु शिबू सोरेन की अस्थियों का विसर्जन, CM हेमंत ने लिखा— “प्रकृति का लाल, प्रकृति में समा गया।
रजरप्पा में दिशोम गुरु शिबू सोरेन की अस्थियों का विसर्जन, CM हेमंत ने लिखा— “प्रकृति का लाल, प्रकृति में समा गया।
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झारखंड के जननायक और आंदोलन के अग्रदूत शिबू सोरेन को अंतिम नमन; मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सोशल पोस्ट में भावुक श्रद्धांजलि दी— “बाबा अब प्रकृति का अंश बनकर हमारा मार्गदर्शन करते रहेंगे।

रजरप्पा/रांची। झारखंड आंदोलन के प्रणेता, दिशोम गुरु शिबू सोरेन की पवित्र अस्थियों का रविवार को रजरप्पा स्थित दामोदर नदी में श्रद्धापूर्वक विसर्जन किया गया। इस दौरान बड़े पैमाने पर कार्यकर्ता, समर्थक और स्थानीय लोग मौजूद रहे। नदी तट पर “दिशोम गुरु अमर रहें” के नारों के बीच सभी ने नम आँखों से अपने प्रिय नेता को अंतिम जोहार दिया।
समारोह के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सोशल मीडिया पर भावुक पोस्ट साझा करते हुए लिखा— “अंतिम जोहार बाबा… स्मृति शेष बाबा दिशोम गुरुजी की पवित्र अस्थियों को ऐतिहासिक रजरप्पा स्थित दामोदर नदी में विसर्जित किया। प्रकृति का प्यारा लाल, प्रकृति में समा गया। प्रकृति का अंश बनकर वह समस्त झारखण्डवासियों और झारखण्डियत की रक्षा करते रहेंगे, हमारा मार्गदर्शन करते रहेंगे।”
सीएम ने अंत में नमन करते हुए जोड़ा— “वीर दिशोम गुरुजी शिबू सोरेन अमर रहें! जिंदाबाद! जय झारखण्ड!”
भावनात्मक पल, जन-सैलाब
विसर्जन के समय नदी किनारे शांति और श्रद्धा का वातावरण रहा। कार्यकर्ताओं ने गुरुजी के संघर्ष, सादगी और जनहित के संकल्प को याद किया। स्थानीय कलाकारों ने पारंपरिक ढंग से श्रद्धांजलि अर्पित की, वहीं बुजुर्गों ने उनके जीवन-संघर्ष और झारखंड की अस्मिता बचाने की कहानियाँ बाँटीं।
विरासत जो राह दिखाती रहेगी
दिशोम गुरु का जीवन झारखंडियत, पर्यावरण-संरक्षण और हक-अधिकार की लड़ाई का पर्याय रहा। समाज के कमजोर वर्गों की आवाज़ बनने से लेकर युवा पीढ़ी को राजनीति में नैतिकता और धैर्य का पाठ पढ़ाने तक—उनकी विरासत आने वाले समय में भी राज्य की दिशा तय करती रहेगी।





