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झारखंड राज्य में सम्मान और हक के लिए आंदोलनकारियों को फ़िर से लड़नी होगी लड़ाई.

लातेहार, मो०अरबाज.

लातेहार/बरवाडीह : झारखण्ड राज्य को अलग करने के अपनी जिंदगी और परिवार को त्याग करने वाले झारखंड आंदोलनकारियों को एक बार फिर से हक औऱ सम्मान के लिए लड़ाई लड़नी होगी। उक्त बातें झारखंड आंदोलकारियों मोर्चा के प्रमंडलीय सयोजक मुरलीधर चौरसिया ने छतीसगढ़ औऱ उत्तराखंड के तर्ज पर पेंशन आवास् चिकित्सा समेत अन्य सुविधा की माँग को लेकर राज्य स्थापना दिवस पर आयोजित एक दिवसीय उपवास के दौरान कही।

एक दिवसीय उपवास के माध्यम से आंदोलनकारियों मोर्चा के मुरलीधर ने यह भी कहा राज्य बने बीस साल होने के बाद भी आज हक अधिकार के लिए आंदोलनकारियों औऱ उनके परिवार को भटकना पड़ रहा है जो दुर्भाग्यपूर्ण है क्यो की अब तक जितनी भी सरकार रही है सभी ने आंदोलन करियो को छलने का काम किया पर अब इसके ख़िलाफ़ भी लड़ाई आंदोलनकारियों को लड़ाई लड़ने की तैयारी है जिसका आगाज़ उपवास से कर दिया गया है

वही इस दौरान मोके पर मौजूद आंदोलनकारियों नेता बीरेंद्र ठाकुर ने कहा कि झारखण्ड सरकार और पार्टी के मुखिया ढिशुम गुरु शिबू सोरेन राज्य अलग करने को लेकर लड़ाई करने के सबसे बड़े नेता थे पर अब तक उनकी पार्टी और राज्य के मुख्यमंत्री आंदोलनकारियों का दर्द नही समझ नही है, हम सभी आंदोलनकारियों उपवास के माध्यम से राज्य की सरकार के मुख्यमंत्री के झारखंड आंदोलनकारियों की माँग पर धयनाकर्षित कराने का प्रयास कर रहे कि उत्तराखंड और छत्तीसगढ़ की तर्ज पर झारखण्ड के आंदोलनकारियों को भी हक़ सम्मान दिया जाए।

इस दौरान आंदोलन के माध्यम से मुख्यमंत्री का धयनाकर्षित कराने को लेकर बीडीओ को माँग पत्र सौपा गया। मौके पर संतोष कुमार गुरुदेव नेजाम खान डी एन राम समेत अन्य आंदोलनकारी मौजूद थे।

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