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Jharkhand News :- बड़े राज्यों की तरह झारखंड में होगी पुलिस की अलग आईटी विंग, कार्य निष्पादन में आएगी तेजी

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Prerna  Chourasia

Drishti  Now  Ranchi

झारखंड पुलिस की संचार एवं तकनीकी सेवाएं की जिम्मेदारी बढ़ेगी। इसके लिए पुलिस मुख्यालय की ओर से आवश्यक कवायद की जा रही है। देश के कई राज्यों जैसे उत्तरप्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक, महाराष्ट्र में पुलिस द्वारा संचार एवं तकनीक, डिजिटल सेवाओं को सामान्य कार्यालय कार्य से अलग करते हुए इसके लिए विशेष इकाई का गठन किया गया है।

झारखंड पुलिस में सूचना प्रौद्योगिकी को एक वृहद एवं महत्वपूर्ण विषय के रूप में चिह्नित कर इससे संबंधित समस्त गतिविधियों, संरचनाओं को सिंगल अंब्रेला प्रोजेक्ट के रूप में क्रियान्वित, नियंत्रित एवं सुचारू रुप से संचालित करने के लिए एक डेडीकेटेड यूनिट सूचना प्रौद्योगिकी इकाई का गठन करने का प्रस्ताव है।

डीजीपी के नियंत्रण में यह विंग रहेगा, जिसे एडीजी रैंक का पदाधिकारी लीड करेगा। ऐसा होने से आईटी संबंधी समस्त कार्यों के क्रियान्यवन, निष्पादन, संचिका पर कार्रवाई, बिलों के भुगतान, उपकरणों के मेंटेनेंस इत्यादि में काफी आसानी होगी। आईटी से जुड़े कार्यों में एकरूपता, पारदर्शिता व तीव्रता आएगी और इसे एक सांगठनिक आकार दिया जा सकेगा।

वर्तमान में झारखंड पुलिस का तकनीकी कार्य एवं उसका कार्यक्षेत्र काफी विस्तृत हो चुका है। झारखंड पुलिस में अभी तक सूचना प्रौद्योगिकी के कार्य को एक अलग विषय के रूप में चिह्नित नहीं किया गया है। ना ही इसके लिए कोई विशेष मैकेनिज्म या यूनिट स्थापित है।

मुख्यालय से थाना स्तर तक विस्तारित वृहद विशेष मैकेनिज्म यूनिट के अभाव में आईटी. से संबंधित कार्य झारखंड पुलिस के सामान्य कार्यालयों द्वारा सामान्य कार्य प्रक्रिया के तहत ही किया जाता है। जबकि आईटी के क्षेत्र में विशेषकर आईटी उपकरणों की खरीदारी, मेंटेंनेस, टेक्निकल मैनपावर की आवश्यकता और इससे संबंधी प्रस्ताव तैयार करने, प्रस्ताव का मूल्यांकन करने, विशेष परिस्थिति में तत्काल संचिका से संबंधित कागजी कार्रवाई करने हेतु विशेषज्ञता और अनुभव की आवश्यकता होती है। इन कार्यों के लिए झारखंड पुलिस में कोई विशेष यूनिट नहीं रहने के कारण आईटी से संबंधित कार्यों का क्रियान्वयन और संचालन अलग-अलग शाखाओं से किया जाता है।

मैनुअली होती है डाटा इंट्री

वर्तमान में राज्यभर में स्थित थानों, अन्य सामान्य पुलिस कार्यालयों द्वारा अपराध एवं अपराधियों से संबंधित डाटा इंट्री, अन्य देय सेवाओं के निष्पादन से संबंधित मैनुअल कार्रवाई करने के बाद उसकी इंट्री की जाती है। इसमें काफी समय लगता है।

अलग यूनिट से क्या होगा लाभ

झारखंड पुलिस में अभी तक सूचना प्रौद्योगिकी के कार्य को एक अलग विषय के रूप में चिह्नित नहीं किया गया है और ना ही इसके लिए कोई विशेष मैकनिज्म या यूनिट स्थापित है। वर्तमान में झारखंड पुलिस का तकनीकी कार्य एवं उसका कार्यक्षेत्र काफी विस्तृत हो चुका है। आईटी की अलग यूनिट स्थापित होने के बाद आईटी से जुड़े आवश्यक उपकरणों की खरीदारी, मेंटेंनेस, टेक्निकल मैनपावर की आवश्यकता और इससे संबंधित प्रस्ताव तैयार करने में आसानी होगी।

.विशेष परिस्थिति में तत्काल संचिका से संबंधित कागजी कार्रवाई करने के लिए विशेषज्ञता उपलब्ध हो सकेगी। आईटी से संबंधित किये जा रहे कार्यों की प्रोपर मॉनिटरिंग करना संभव होगा। जरूरी हो, तो तत्काल निर्णय लेने, कार्रवाई करने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए जा सकेंगे। राज्य के थानों सहित लगभग 1000 से ज्यादा लोकेशन पर कार्यरत कंप्यूटर को एक साथ जोड़ा जा सकेगा।

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