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Job News: नौकरियो में जब 40 प्रतिशत अनारक्षित सीट है तो बाहरी उम्मीदवारों को बाहर करने के लिए सरकार ने क्या कोई हिडेन एजेंडा सेट किया है ?

 

 Job News: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का विधानसभा के मानसून सत्र के समापन पर दिया गया भाषण कन्फयूजन पैदा कर रहा है। दरअसल मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी राज्य में एसटी एससी और ओबीसी को पचास प्रतिशत और ईडब्ल्यूएस के लिए दस प्रतिशत नौकरियां आरक्षित है और ऐसा कदापि नहीं होगा कि शेष चालीस प्रतिशत में सभी बाहरी घुस जाएंगे।

उन्होंने यह भी कहा था की पूर्व की सरकार में तो सेवेंटी फाइव परसेंट बाहरी घुस रहे थे अभी भी पन्दरह से बीस परसेंट बाहरी घुस जाते हैं हम इसे भी जल्दी ही जीरो कर देंगे बस सवाल यहीं से उठता है की अखिर कैसे की आप कैसे बाहरियों को पूरी तरह से रोकेंगे फिलहाल की मौजूदा व्यवस्था में चालीस परसेंट सीट अनारक्षित है अगर किसी दूसरे राज्य का अभ्यर्थी अनारक्षित कोटे की मेरिट लिस्ट में आता है तो उसे आखिर कैसे रोका जायेगा खासकर उस हालत में जब कट ऑफ मार्क सर्वे मार्कशीट तक का डिटेल पोर्टल पर सार्वजनिक किया जाता है

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जानकारी के मुताबिक इसमें किसी भी राज्य के अभ्यर्थी फॉर्म भर सकते हैं इसलिए ना तो रेजिडेंशियल सर्टिफिकेट और ना ही झारखंड के शिक्षण संस्थानों से पास करने की बाध्यता ही रहेगी और अब तो क्षेत्रीय भाषाओं की बाध्यता भी नहीं है क्योंकि क्षेत्रीय भाषाओं की सूची में हिंदी और अंग्रेजी भी शामिल है ऐसे में मुख्यमंत्री को यह बताना चाहिए कि जब जब उनका कहना है की सामान्य सीटों पर बाहरी उम्मीदवारों की संख्या शून्य कर यानि जीरो कर देंगे तो आखिर कैसे करेंगे कैसे बाहरी उम्मीदवारों का आवेदन रद्द कर दिया जाएगा क्योंकि अगर वह परीक्षा में बैठ गए और मेरिट लिस्ट में क्वालीफाई कर गए तो उन्हें हटाएंगे कैसे यह साफ करना चाहिए।

जाहिर है इस बार एसएससी सीजीएल की परीक्षा अक्टूबर के मध्य में होगी जानकारी के मुताबिक इस परीक्षा के लिए पांच लाख से अधिक एप्लीकेशन आए हैं और परीक्षा अगस्त में दो सितंबर से शुरू होंगी इस परीक्षा में पचास परसेंट जाति आधारित और दस परसेंट आरक्षण गरीबो का है केवल झारखंड के निवासियों के लिए आरक्षित कोटे की सीटें ही पूरी तरह से उन लोगों के लिए जो झारखंड के निवासी हैं बाकी चालीस परसेंट योग्यता आधारित है

अब सवाल यह है की मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के पास चालीस फ़ीसदी अनारक्षित सीटो पर बाहरी लोगों को रोकने का कौन सा ऐसा तरीका है जो आयोग की वेबसाइट पर कट ऑफ मार्क और ओएमआर सीट सार्वजनिक करने से रोकता है हेमंत सोरेन जी आप किसी सफल उम्मीदवार को कैसे हटा देंगे इसको क्लियर तो करना पड़ेगा करेंगे क्योंकि इसमें इंटरव्यू भी नहीं होता ताकि आप बाहरियों को इंटरव्यू में शून्य अंक दिला सके और बाहरी छट जाये । ऐसे में क्या बाहरी उम्मीदवारों को बाहर करने के लिए सरकार ने कोई हिडेन एजेंडा सेट किया है

क्या सरकार की ओर से संबंधित आयोग को अलिखित रूप से एडमिट कार्ड जारी नहीं करने का आदेश दे दिया जाएगा क्या ऐसा करना प्रैक्टिकल रूप से संभव है परीक्षा में शामिल होने के बाद और मेरिट लिस्ट में आने के बाद बाहरी छात्रों को रोकने का नियोजन निति में संशोधन के अलावा शायद ही कोई तरीका है। ऐसे में मुख्यमंत्री जी का भाषण शायद राजनितिक भाषण नजर आता है।

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