धनबाद में फिर जमीन धंसा (land slide) , मोटरसाइकल जमींदोज , इंसान बचा
land slide
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!धनबाद में अक्सर जमीन धरने की खबरें आती है जिसके कारण जानमाल का नुकसान होता है लेकिन घटना के बाद नाइस की कोई जिम्मेदारी होती है ना कोई जिम्मेदारी लेता है आखिर यह बहुत आसान हो क्यों रहा है ? आखिर वजह क्या है कौन लोग इसके जिम्मेदार हैं ? क्या जो लगातार खनन हो रहा है जिसके कारण जमीन का निचला हिस्सा खोखला हो चुका है और आम लोगों की जान सांसत में है, यह बातें सोचने वाला समझने वाला शायद धनबाद में कोई नहीं है . खैर छोड़िए आज की खबर फिर वही है की कोयलांचल में भू-धंसान की घटना एक बार फिर से हुई है। बाघमारा में हुए भु-धंसान के कारण एक बड़ा हादसा टल गया। हालांकि इस भु-धंसान में एक बाइक जमींदोज हो गई है। एक चार पहिया वाहन भी जमींदोज होते होते बच गया। किसी जान की क्षति नही हुई है। घटना के बाद लोगों में दहशत का माहौल बना हुआ। बीसीसीएल और हिलटॉप आउटसोर्सिंग प्रबंधन के खिलाफ लोगों में आक्रोश है। करीब दो हजार की आबादी यहां आसपास बसी हुई है। जिस पर खतरा मंडराने लगा है।
पिछले साल यहां मस्जिद हुआ था जमींदोज
बता दें कि पिछले साल यहां एक मस्जिद का कुछ हिस्सा जमींदोज हुआ था। यहां के रैयत अपनी जमीन के दस्तावेज बीसीसीएल प्रबंधन को सौप चुकी है।लेकिन प्रबंधन इनके विस्थापन और पुनर्वास को लेकर पूरी तरह से मौन है।रैयत अब बीसीसीएल और आउटसोर्सिंग प्रबंधन के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने की बात कह रहे हैं। वहीं बार-बार की भू-धंसान घटनाओं के होने के बाउजूद बीसीसीएल, आउटसोर्सिंग का उदासीन रवैया किसी बड़ी घटना को होने देने का इंतजार करने की बात ग्रामीण रैयत कह रहे।
दहशत के साए में जीने को मजबूर
ग्रामीणो का कहना है कि हिलटॉप आउटसोर्सिंग कंपनी के द्वारा यहां उत्खनन कार्य किया जा रहा है। उत्खनन के दौरान हैवी ब्लास्टिंग आउटसोर्सिंग कंपनी के द्वारा की जाती है। जिस कारण पूरा इलाका कांप उठता है। कंपन के कारण ही आये दिन यहां भू-धंसान की घटना घटती है। बस्ती की आबादी करीब 2 से 3 हजार है। लोग यहां दहशत के साए में जीने को मजबूर है। बीसीसीएल और हिलटॉप आउटसोर्सिंग प्रबंधन मनमानी पर उतर चुकी है।यहां बसे लोगों के लिए पुनर्वास का कोई ख्याल नही रखा जा रहा है।


