महानगरों की चकाचौंध छोड़कर एक उद्योगपति खेती कर युवाओं के लिए बन रहे हैं प्रेरणा स्रोत.
गढ़वा : बड़े-बड़े महानगरों की चकाचौंध छोड़कर एक उद्योगपति इनदिनों अपने पैतृक गांव पहुँच यहां के किसानों के लिए एक मिसाल बनकर उभर रहा है लगभग 50 एकड़ की भूमि में 20 हजार पौधे की फलदार, इमारती लकड़ी सहित कई अन्य प्रजातियां के पौधे लगाकर यह उद्यमी एक चर्चा का केंद्र बन गया है। गढ़वा सदर प्रखंड के कुंडी गांव के युवा उद्यमी संजय पांडेय ने पर्यावरण के साथ साथ वैश्विक खेती के क्षेत्र में गढ़वा जिले में बेहतर कार्य कर युवाओं लिये प्रेरणास्रोत बने हुए हैं।
जिला मुख्यालय से 15 किमी दूर बसा कुंडी गांव पर्यावरण संरक्षण के साथ वैश्विक खेती को लेकर काफी चर्चा में है, गौरतलब है कि इन्होंने अच्छे संस्थानों में MBA की डिग्री हासिल कर महाराष्ट्र एवं दिल्ली समेत आधा दर्जन राज्यों में सफल उद्यमी के रूप में स्थापित होने के बाद अब गांव की ओर रुख किया है,वसंजय पांडेय ने काफी कम उम्र में जो सोच विकसित की है वह युवाओं को आकर्षित करता है़ 12 साल पहले बेंगलुरु, मुंबई, चेन्नई और केरल में काम करते हुए एक फ्रीलांसिंग तकनीकी विश्लेषक के रूप में शेयर बाजार में प्रवेश किया. तब से उन्होंने पुणे और मुंबई में अत्यधिक सफल व्यवसाय स्थापित किये हैं। जिसमे पुणे उनका आधिकारिक कार्य क्षेत्र का आधार है।
संजय के पास कई अपनी कंपनी है उसके बाद भी उन्होंने ने अपने गांव की ओर मुड़ते हुए दो वर्षों में करीब 25 हजार पेंड़ लगाये जिसमे आज 20 हजार पेड़ सुरक्षित है, संजय पांडेय ने बताया कि उनका एकमात्र उद्देश्य अपनी मातृभूमि के लोगों का उत्थान करना है, क्योकि इसी मिट्टी ने आज हमें इस मुकाम पर लाया है तो मेरा भी कर्त्तव्य बनता है कि इस क्षेत्र के लिए मैं भी कुछ करूँ, इन्होंने पिछले दो वर्षों में अपने गांव में 50 एकड़ भूमि में 20,000 से अधिक पेड़ लगायें हैं. जिसमे 2400 अमरूद के पेड़, 3000 पपीते के पेड़, 4000 आम के पेड़, 5000 से अधिक सागवान के पेंड़ लगाए हैं।
इसके अलावा उन्होंने महोगनी, सेब बेर, बरगद, पीपल, नीम, और टोहेट और प्यूपोस के कई पेड़ सैकड़ों की मात्रा में लगाये हैं , एकमात्र उद्देश्य इस क्षेत्र में बेसकीमती पेड़ों के साथ फलदार पेड़ों की संख्या को बढ़ाना है ताकि आने वाले समय मे इस क्षेत्र से फलों का निर्यात हो। उन्हें बिरसा हरित योजना से भी आम्रपाली के पौधे मिले है। इस कार्य को देख गांव के युवा वर्ग भी उत्साहित होकर इसी तरह का पौधा रोपण के लिए प्रेरित हो रहें हैं। युवा ऋषि पांडेय का कहना है कि अभी देख रहा हूँ आगे मैं भी इसतरह का कार्य करूंगा। वहीं इसी क्षेत्र के पेशे से सॉफ्टवेयर इंजीनियर रौशन कुमार तिवारी ने बताया कि इस क्षेत्र में इस तरह के कार्य से रोजगार के अवसर को बढ़ाने के साथ साथ पलायन पर भी रोक लगाया जा सकता है , वैसे युवा वर्ग जो छोटे छोटे कार्यो के लिए बाहर जाते है वैसे लोगों को इस व्यवस्था के तहत अपने घर मे हीं रोजगार दिया जा सकता है।
इस संबंध में जिले के कृषि विभाग के परियोजना निदेशक योगेंद्र सिंह ने कहाकि आपके द्वारा यह मालूम पड़ा है मैं इसपर बात कर इनकी कार्यो को देखने जरूर जाऊँगा। वहीं जिले के डीसी राजेश कुमार पाठक ने कहाकि यह अच्छी बात है कि युवा वर्ग खेती में आगे आ रहे है मैं जिला कृषि पदाधिकारी को भेज कर इसकी जानकारी लूंगा और हो सके तो उन्हें और प्रोत्साहित करने पर बल दिया जाएगा।
गढ़वा, वी के पांडे