modi ranchi visit: प्रधानमंत्री के आगमन और रोड शो को लेकर रांची एयरपोर्ट पर सुरक्षा शख्त ,डीजीपी ने लिया जायजा लोगो में उत्साह
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mmodi ranchi visit:प्रधानमंत्री नरेंद मोदी अब से कुछ देर बाद रांची पहुंच रहे हैं। इसे लेकर तैयारियां जोरो पर है। सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम है। आज रात को ही प्रधानमंत्री मोदी रोड शो भी करेंगे। और कल यानि 15 नवंबर को ही झारखंड का स्थापना दिवस भी है। इस कारण इस मौके पर प्रधानमंत्री के आगमन को लेकर लोगों में विशेष उत्साह है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 15 नवंबर को बिरसा मुंडा की जयंती यानि जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर झारखंड के खूंटी जिले के उलिहातू में स्थित उनकी जन्मभूमि पहुंचेंगे। यहां वह बिरसा मुंडा की माटी को नमन कर उन्हें श्रद्धांजलि देंगे। पीएम के कार्यक्रम को लेकर रांची से खूंटी तक जोर-शोर से तैयारियां चल रही हैं। पीएम इस कार्यक्रम के लिए 14 नवंबर की शाम को ही रांची पहुंच जाएंगे। और आज रात में रोड शो भी करेंगे। पीएम मोदी 15 नवंबर को उलिहातू से ही पूरे देश के लिए विकसित भारत संकल्प यात्रा की शुरुआत करेंगे, जिसके जरिए केंद्र सरकार की योजनाओं से लोगों को अवगत कराया जाएगा।
प्रधानमंत्री के आने के दौरान बिरसा मुंडा हवाई अड्डा, हिनू चौक, बिरसा चौक, सेटेलाईट चौक, अरगोड़ा चौक, न्यू मार्केट चौक होते हुए राजभवन तक सामान्य यातायात पर आठ बजे से लेकर साढ़े दस बजे तक तक पाबंदी लगाई गई है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम किया गया है। आइपीएस से लेकर जवानों को तैनात किया गया है। हर पुलिसकर्मी को अलग-अलग जिम्मेदारी दी गई है। इस दौरान रांची पुलिस हाई अलर्ट पर है। पीएम के दौरे के दौरान बिरसा मुंडा अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा से हरमू बाईपास होते हुए अरगोड़ा चौक, न्यू मार्केट चौक से हॉटलिप्स चौक होते हुए राजभवन तक तथा राजभवन से एसएसपी आवास चौक, कचहरी चौक होते हुए जेल मोड अवस्थित कार्यक्रम स्थल तक सड़क के दोनों ओर अवैध पार्किंग वर्जित होगी। पार्किंग होने की स्थिति में यातायात पुलिस के द्वारा कार्रवाई की जाएगी।
पीएम मोदी खूंटी स्थित भगवान बिरसा मुंडा की जन्मस्थली उलिहातू का दौरा करने वाले देश के पहले प्रधानमंत्री हैं। जनजातीय गौरव दिवस के मौके पर पीएम उलिहातू से 15 नवंबर को 24 हजार करोड़ की लागत से विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह (पीवीटीजी) के उत्थान के लिए पीवीटीजी विकास मिशन की घोषणा करेंगे।
यह पहला अवसर है, जब कोई प्रधानमंत्री उस कक्ष को नमन करेंगे, जहां धरती आबा बिरसा मुंडा ने नौ जून, 1900 को अंतिम सांस ली थी। यह जेल अब बिरसा मुंडा संग्रहालय के नाम से जाना जाता है, जहां आदिवासी क्रांतिकारियों की आदमकद प्रतिमाएं भी लगी हुई हैं।


