शाम तक मोरहाबादी मैदान(Morabadi Ground) से दुकानें नहीं हटी तो नगर निगम जबरदस्ती हटाएगा
राजधानी के हाई सिक्योरिटी जोन मोरहाबादी(Morabadi Ground) में अब कोई भी दुकान नहीं लगेगी. जिला प्रशासन के आदेश पर नगर निगम इस इलाके से सारी आज दुकानें हटाने जा रही है. रांची नगर निगम की टीम मोराबादी में अपने दल बल के साथ पहुंचकर निगरानी कर रही है. सभी दुकानदारों को 24 घंटे की मोहलत दी गई है जो आज शाम 6:00 बजे पूरी हो जाएगी. यदि दुकानदार खुद से अपना दुकान नहीं हटाते हैं तो रांची नगर निगम की टीम बलपूर्वक उन सभी दुकानदारों को हटा देगी. इसके लिए रांची नगर निगम की टीम अपनी तैयारियों के साथ मोराबादी मैदान में डटे हुए हैं. खबर लिखे जाने तक एक बुलडोजर, छठ ट्रैक्टर और विजिलेंस की टीम मोरहाबादी मैदान में तैनात है.
दिनदहाड़े हुई कालू लामा की हत्या के बाद की जा रही कार्रवाई
27 जनवरी की दोपहर में मोरहाबादी में दिनदहाड़े गोली मारकर कुख्यात अपराधी कालू लामा की हत्या कर दी गई थी. घटनास्थल के समीप पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन समेत कई वीवीआइपी के आवास हैं. यह इलाका हाई सिक्योरिटी वाला माना जाता है. हत्या की इस घटना के बाद पुलिस और प्रशासन ने इस इलाके को पूरी तरह से सुरक्षित बनाने की कवायद शुरू कर दी है.
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अधिकारियों की बैठक में तय हुआ है कि इस इलाके में अब दुकानें नहीं रहें. दुकानें रहने से लोगों की आवाजाही बनी रहती है और पुलिस किसी को रोक नहीं पाती. इस इलाके में मोरहाबादी मैदान रोड पर खाने-पीने के होटलों के अलावा फूड वैन, फलों की दुकानें, चाय की दुकानें आदि की भरमार है. क्षेत्र सुबह से ही गुलजार हो जाता है. सुबह टहलने वालों की भीड़ लगती है, तो देर रात तक खाने पीने की दुकानें सजी रहती है. अधिकारियों का कहना है कि इसी का फायदा उठाकर अपराधी इलाके में घुसपैठ करते हैं और आपराधिक घटना को अंजाम देते हैं.
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दुकानदारों में है आक्रोश
मोरहाबादी में दुकान हटाये जाने से दुकान संचालकों में काफी आक्रोश है. दुकान संचालक परमात्मा राम ने बताया कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से विधि व्यवस्था नहीं सुधर रही तो गरीबों के पेट पर लात मारने का काम कर रही है. दुकान संचालक ने बताया कि इस इलाके में तकरीबन 300 दुकान हैं और इस दुकान से दो हजार परिवार का भरण पोषण होता है. ऐसे में सरकार बताए कि दो हज़ार परिवार को रोजी-रोटी कौन देगा. दुकान संचालक ने बताया कि सरकार को पहले विधि व्यवस्था सुधारने की आवश्यकता है ना कि गरीबों के पेट पर लात मारने की. दुकान संचालक ने कहा कि यदि हम लोगों को किसी दूसरे जगह शिफ्ट कर देते और दुकान हटाने का काम करते तो शायद हम लोगों को कोई भी आपत्ति नहीं होती.