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नक्शा (NAKSA) पास करने का नियम बदला पांच चरणों में होंगे नक्सा स्वीकृत , नियम की सरलीकरण मुख्यमंत्री ने दी मंजूरी

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Ranchi: राज्यवासियों के लिए एक अच्छी खबर है। और थोड़ी टेढ़ी खबर है। दरअसल झारखण्ड हाईकोर्ट के नक्शा से रोक हटाने के बाद झारखण्ड सरकार ने राज्य के विभिन्न निकायों, प्राधिकारों में लागू ऑनलाइन बिल्डिंग प्लान अप्रुवल मैनेजमेंट सिस्टम (बीपीएएमएस) पद्धति में संशोधन किया है और नक्श स्वीकृति की प्रक्रिया को सरल कर दिया है.

मुख्यमंत्री सह नगर विकास विभाग के मंत्री हेमंत सोरेन की स्वीकृति के बाद विभाग ने इस संबंध में संकल्प जारी कर दिया है. बता दें कि झारखंड हाइकोर्ट ने बीते 18 मई को अपने फैसले में राज्य में नक्शा स्वीकृति पर लगी रोक को हटा दिया था और उसके आदेश के आलोक में ही अब राज्य में नक्शा स्वीकृति के लिए नये नियम बनाये गये हैं.नगर विकास विभाग की ओर से जारी संकल्प के अनुसार अब राज्य में पांच चरणों में नक्शा स्वीकृति की प्रक्रिया पूरी की जायेगी. इसके अलावा भवन प्लान का नक्शा अस्वीकृत होता है तो आवेदन शुल्क की राशि में 10 फीसदी की कटौती कर 30 दिनों के अंदर शेष राशि लौटा दी जायेगी. इससे संबंधित प्रस्ताव जल्द ही अलग से तैयार किया जायेगा. इसके अलावा विचलन कर भवन निर्माण के लिए भी नियम बदले गये हैं.

इस तरह होगा नक्शा का निष्पादन
प्रथम चरण में आवेदक निबंधित लाइसेंस टेक्निकल पर्सन (LTP) के माध्यम से आवेदन करेंगे. जिसमें निबंधित एलटीपी अपने लॉगिन आइडी द्वारा प्रस्तावित भवन निर्माण योजना से संबंधित सभी नक्शों को (प्री डीसीआर ) के बाद निकायों, प्राधिकारों में झारखंड भवन उप विधि संशोधित 2016 के प्रावधानों के आधार पर तैयार करते हुए निर्धारित चेकलिस्ट के अनुसार भवन नक्शा, प्लान की स्वीकृति के लिए ऑनलाइन आवेदन, कुल अनुमानित भवन शुल्क के 50 प्रतिशत की राशि के साथ जमा करेंगे. भवन प्लान को प्रावधानों के अनुसार 30 दिनों के अंदर स्वीकृत करने का नियम है. इसमें झारखंड हाइकोर्ट के द्वारा 18 मई 2023 के आदेश का अनुपालन किया जायेगा.

दूसरे चरण में आवेदन को नगर निवेशक द्वारा बीपीएएमएस सॉफ्टवेयर में ऑटो डीसीआर कराकर नक्शों की जांच करायी जायेगी तथा सॉफ्टवेयर द्वारा जेनरेटेड रिपोर्ट, सिक्यूरिटी रिपोर्ट की आवश्यकतानुसार त्रुटि होने पर एलटीपी को लौटाई जायेगी. त्रुटिहीन होने की स्थिति में इसे अगले चरण में वर्क फ्लो के तहत भेजा जायेगा. इसमें भी 30 दिन के अंदर आवेदन निष्पादित करना है. हाईकोर्ट के फैसले का अनुपालन किया जायेगा.

तीसरे चरण में आवेदन को लीगल ऑफिसर, टैक्स दारोगा, कलेक्टर के द्वारा बिल्डिंग बॉयलॉज 2016 के अनुसार जांच की जायेगी. 30 दिनों में निष्पादित किया जायेगा.

चतुर्थ चरण में कनीय अभियंता,अभियंता,प्राधिकृत व्यक्ति आवेदन के स्थल का निरीक्षण करेंगे. विडियोग्राफी की जायेगी. आवेदक को मैसेज के जरिये निरीक्षण की जानकारी दी जायेगी. जांच प्रतिवेदन अपलोड किया जायेगा.

पांचवे चरण में रांची नगर निगम एवं रांची क्षेत्रीय विकास प्राधिकार में टू स्टोरी तक के भवन की स्वीकृति नगर निदेशक स्तर से की जायेगी एवं टू स्टोरी से अधिक वाले भवनों के नक्शों को नगर निदेशक द्वारा निर्धारित उच्चतम कंसोल में अग्रतर कार्रवाई के लिए भेजी जायेगी. अन्य सभी निकायों, जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र, प्राधिकार में सभी प्रकार के नक्शों को नगर निवेशक द्वारा निर्धारित उच्चतम कंसोल में अग्रतर कार्रवाई के लिए भेजी जायेगी.

नक्शा पास के लिए यह होगा जरूरी
आवेदन के साथ एलटीपी तथा मूल आवेदक दोनों के ईमेल आईडी,मोबाइल नंबर, वाट्सएप नंबर अंकित किया जाना बाध्यकारी किया गया है. इसमें नक्शों की स्वीकृति संबंधित सभी जानकारी सिस्टम जेनरेट के तहत दी जायेगी. भवन उपविधि प्लान 2016 के तहत ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट निर्गत करते तथा कंडोनेबल लिमिट के अंतर्गत विचलन कर किए गये निर्माण के केस में टेंपोरेरी ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट निर्गत किया जायेगा. मेसर्स सॉफ्टेक इंजीनियरिंग लि. कंपाउडिँग फीस के अनुसार एसओपी तैयार करेगा.

झारखंड भवन उपविधि प्लान 2016 संशोधित के अनुसार आवेदन के साथ अनुमानित भवन शुल्क का 50 प्रतिशत राशि जमा किए जाने का प्रावधान है. नक्शा अस्वीकृति होने के केस में जमाशुल्क राशि लौटाये जाने का कोई प्रावधान नही हैं. 18 मई 2023 को झारखंड हाइकोर्ट के पारित आदेश के अनुसार अब अस्वीकृत होने वाले भवन प्लान के केस में देय भवन प्लान शुल्क की राशि का 10 प्रतिशत कटौती कर शेष राशि अस्वीकृति की तिथि से 30 दिनों के अंदर आवेदक को लौटायी जायेगी. इसके लिए भवन प्लान 2016 में जल्द ही संशोधन किया जायेगा.

रांची नगर निगम एवं अन्य सभी नगर निकायों एवं सभी क्षेत्रीय विकास प्राधिकार 18 मई को झारखंड हाइकोर्ट के द्वारा पारित आदेश का अनुपालन करते हुए जल्द ही नक्शा स्वीकृति की कार्रवाई अब करेंगे. इस संबंध में पूर्व के सारे आदेश, सर्कुलर को संशोधित कर दिया गया है.

अभी इन प्रक्रियाओं से पास होता है नक्शा
रांची नगर निगम: आवेदन एलटीपी के समक्ष किया गया। एलटीपी ने इसे जांच किया। नगर निकाय में इसका जांच हुआ। लीगल ऑफिसर के पास भेजा गया. जूनियर इंजीनियर ने जांच किया. टाउन प्लानर दो स्टोरी भवन निर्माण का नक्शा स्वीकृति के लिए काम करेंगे. इससे उपर के भवनों के लिए नगर निकाय आयुक्त को अधिकृत किया गया है.
अन्य नगर निकायों में एलटीपी के पास आवेदन किया गया. निकाय में जांच हुआ. लीगल ऑफिसर से होते हुए जेई की जांच के बाद टाउन प्लानर के पास भेजा गया.
आरआरडीए में एलटीपी में आवेदन, सिक्युरिटी ऑफ अथॉरिटी, लीगल ऑफिसर, जुनियर इंजीनियर, टाउन प्लानर,दो स्टोरी भवन व इससे उपर के भवन में वाइस चेयरमैन.
माडा धनबाद: लाइसेेंस तकनीक पर्सन, अथॉरिटी जांच, लीगल आॅफिसर, जेई, टाउन प्लानर, एमडी
नगर पंचायत एवं नगर परिषद: एलटीपी, अथॉरिटी जांच, टैक्स दारोगा, कलेक्टर, जेई, टाउन प्लानर, कार्यपालक पदाधिकारी
जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र: एलटीपी, अथॉरिटी जांच, टैक्स दारोगा, जेई, टाउन प्लानर, विशेष पदाधिकारी

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