Paanki News:-पाँच दिनों के बाद, पांकी के स्टोर फिर से खुल गए, और ग्राहकों ने किराने का सामान और अन्य ज़रूरत का सामान ख़रीदा
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Drishti Now Ranchi
सांप्रदायिक हिंसा की आग में झुलसे पांकी में रविवार को हुई शांति समिति की बैठक के बाद हालात तेजी से सामान्य हो रहे हैं। सोमवार को सभी दुकानें खुल गईं। इससे लोगों के चेहरे पर खुशी दिखी। उपद्रवियों के कारण पांच दिनों से घरों में बंद लोगों ने खुली हवा में सांस ली।
अपने जरूरत का सामान लेने दुकान पहुंचें। इससे इलाके में पूरी तरह ठप पड़ी आर्थिक गतिविधि भी चल पड़ी है। हालांकि धारा 144 लागू रहने के कारण कहीं भी भीड़ लगाने से लोग खुद ही बचते रहे। घरों से बाहर निकले लोगों ने देश भर में पांकी को शर्मसार करने वाले इस घटना का निंदा की। लोगों का कहना था कि कुछ लोगों की गलती का खमियाजा पूरे पांकी वासियों को भुगतना पड़ा है।
प्रशासन के निर्देशानुसार शाम छह बजे व्यवसायियों ने दुकान बंद कर दी। स्थिति को पूरी तरह नियंत्रण में कर चुका जिला और पुलिस प्रशासन फिलहाल कुछ दिनों तक इसी दिनचर्या के साथ पांकी पर नजर बनाए रखेंगे। माहौल के फिर से बिगड़ने की किसी भी तरह की गुंजाइश नहीं होने पर ही जिले के अन्य क्षेत्रों की तरह पांकी में भी पूरा छूट दी जाएगी।
पुलिस फोर्स अब भी पांकी के हर इलाके पर पैनी नजर बनाई हुई है। आम लोगों की गतिविधियां प्रशासन के नजर में हैं। अब भी हर तरफ पुलिस की मौजूदगी है। धार्मिक स्थलों की सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। कैमरा और ड्रोन का उपयोग सुरक्षा की निगरानी के लिए किया जा रहा है।सोशल मीडिया के उपयोग को लेकर भी लोग सावधानी बरत रहे हैं।
महाशिवरात्रि के तोरण द्वार को लेकर पांकी में मामला इतना तनावपूर्ण हो जाएगा शायद ही ऐसा किसी ने सोचा होगा। 14 फरवरी की शाम जब चौक पर तोरण द्वार लगाना शुरू किया गया उसी वक्त दूसरे समुदाय ने इसका विरोध किया। इसके बाद रात में भले ही तोरण द्वार ना लगा हो लेकिन आक्रोश भड़क चुका था। बुधवार की सुबह जब फिर से पूजा समिति के लोग तोरण द्वार लगाने गए तो मामला कहासुनी से मारपीट तक पहुंच गई।देखते ही देखते पांकी चौक का इलाका रणक्षेत्र में तब्दील हो गया।
आम लोग जहां तहां फंस गए।स्कूल से बच्चों को पुलिस गाड़ी में घर पहुंचाया गया।सड़क ईंट और शीशा से पट गए। इस पत्थरबाजी में एक एसडीपीओ और आधा दर्जन पुलिस जवानों के जख्मी होने के बाद भी पलामू पुलिस ने काफी धैर्य दिखाते हुए मामले को नियंत्रित किया। दोपहर दो बजे के करीब इलाके में धारा 144 लागू कर दी गई।दूसरे जिलों से भी पुलिस बल का आना शुरू हो गया।
एहतियात के लिए शाम से इंटरनेट सेवा को बंद कर दिया गया। गुरुवार से मामले में शामिल लोगों की तलाश पुलिस ने शुरू की। दोनों पक्षों से अब तक 18 को गिरफ्तार किया जा चुका है। जबकि करीब दो हजार लोगों पर एफआईआर की गई है। एसपी चंदन कुमार सिन्हा ने कहा है कि इस घटना में शामिल अपराधियों को पुलिस पाताल से भी ढूंढ निकालेगी।