पीएमओ (PMO)ने झारखण्ड के मुख्य सचिव को दिया 3000 करोड़ के मुआवजा घोटाला में कार्रवाई का निर्देश
PMO
झारखण्ड के हजारीबाग जिले में भू -माफियाओ द्वारा सरकारी जमीन, शमशान और जंगल जैसी जमीन का फर्जी कागज बनाकर मुआवजा लेने का मामला सामने आया है। खबर है की इस मामले में प्रधानमंत्री कार्यालय ने झारखण्ड के मुख्या सचिव को पत्र लिखकर इस बाबत कार्यवाही करने का निर्देश दिया है। खबर यह भी है की पीएमओ से अंडर सेकेट्ररी संजय कुमार ने झारखण्ड के मुख्या सचिव को हज़ारीबाग़ जिले के बड़कागांव केरेडारी-कटकमदाग में भूमि-मुआवजा घोटाले पर प्रधानमंत्री कार्यालय के अंडर सेक्रेट्री संजय कुमार चौरसिया ने झारखंड के मुख्य सचिव सुखदेव सिंह को पत्र लिखकर पुरे मामले में जल्द से जल्द जाँच करवाने को कहा है गौरतलब है की देवाशीष गुप्ता की एसआईटी रिपोर्ट पर 2017 से पड़ रही धूल पड़ रही है कार्रवाई की बात सरकार गई भूल गयी यही । जबकि खबर है की गैरमजरूआ जमीन के मुआवजा वितरण की स्वीकारोक्ति खुद एनटीपीसी ने की है जो अब उसके गले की फांस बन गयी है ।
क्या है मामला
हजारीबाग जिले के मंटू सोनी ने पीएमओ में शिकायत किया था की कि बड़कागांव-केरेडारी-कटकमदाग प्रखंड में बड़े पैमाने पर गैरमजरूआ खास, गैरमजरूआ आम व जंगल- झाड़ी के अलावे सार्वजनिक उपयोग की जाने वाली श्मशान घाट, कब्रिस्तान, मंडप-मजार की जमीन को फर्जी हुक़ूमनामा बनाकर भू- माफियाओं ने बंदोबस्त करा ली गई थी. सरकारी अंचल-कर्मियों, अधिकारियों और एनटीपीसी के मिलीभगत से करोड़ों रुपए मुआवजा के तौर पर बांट बंदरबांट किया गया है. जमीन के असली मालिकों-कब्जाधारियों को मुआवजा नहीं दिया जा रहा है. औने-पौने दाम में जमीन अधिग्रहण की जा रही है.
आरोप क्या है
आरोप है की एनटीपीसी ने पंकरी बरवाडीह कोल परियोजना अंतर्गत 80 एकड़ जमीन के बदले दस लाख रुपए प्रति एकड़ की दर से करीब आठ करोड़ रुपया सरकारी अंचल कर्मियों-अधिकारियों के क्लियरेंस के आधार पर मुआवजा वितरण करने की बात स्वीकार की गई थी. जिसमें उसने अपनी जिम्मेवारी से पल्ला झाड़ लिया था. इसी बात को आधार बनाकर पुनः मंटू सोनी ने पीएमओ में यह शिकायत कर दिया की जमीन के कागजात की अंचल कर्मियों-अधिकारियों के क्लियरेंस के बाद एनटीपीसी ने मुआवजा का चेक वितरण से पहले जमीन का भौतिक सत्यापन क्यों नही किया? या एनटीपीसी ने जानबूझकर इस बात को छिपाया और मनमाने तरीके से जमीन का मुआवजा वितरण कर दिया? जो एनटीपीसी के अधिकारियों की लापरवाही-मिलीभगत को साबित करता है. इस बिंदु को पीएमओ ने गंभीरता से लिया है.