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काला कृषि कानून के खिलाफ 21 को राजभवन मार्च.

खलारी : केंद्र सरकार के द्वारा कॉर्पोरेट हित में लाए गए कृषि कानून के खिलाफ 21 जनवरी को राजभवन रांची में मार्च होगा। इसको लेकर चामा स्थित बाजारटांड में किसानों की बैठक में रविवार को लिया गया। बैठक आबिद अंसारी की अध्यक्षता में हुई। बैठक में जानकारी दी गयी कि राजभवन मार्च को लेकर भाकपा माले और किसान महासभा के द्वारा तैयारी तेज कर दी गयी है। वहीं बैठक को संबोधित करते हुए माले के जिला सचिव भुनेश्वर केवट ने कहा कि केंद्र की कृषि नीति अंबानी अडानी को फायदा पहुंचाने के लिए लाई गई है। इससे किसानों की कृषि उपज और जमीन पर निजी कंपनियों का कब्जा हो जाएगा। भविष्य में गरीबों को एक रूपये किलो मिलने वाला राशन की व्यवस्था भी बंद हो जाएगा। केंद्र सरकार को किसानों से ज्यादा कंपनियों की चिंता है।

उन्होने कहा कि कृषि कानून अगर वापस नहीं हुआ तो आंदोलन और भी तेज होगा। पंचायत समिति सदस्य बुधराम उरांव ने कहा कि अन्नदाता किसान देश के भाग्य विधाता हैं इनके साथ केंद्र सरकार की नाइंसाफी सरासर गलत है। हम झारखंड के किसान देश के किसानों के आंदोलन को समर्थन करते हैं। वहीं छात्र नेता नौरीन अख्तर ने कहा कि देश की सारी संपत्ति निजी हाथों में बेचना कोई राष्ट्रवाद नहीं है सरकार चेते नहीं तो देश बर्बाद हो जाएगा। किसान नेता महावीर महावीर मुंडा ने कहा किसान के आंदोलन से सभी सरकार झुकी है और केंद्र सरकार को किसान विरोधी कृषि कानून वापस लेना होगा। इस बैठक में खलारी प्रखंड के किशोर खंडित, अल्मा खलखो, माधुरी उरांव, मदन मुंडा, लाला अंसारी अमानत अली, अब्दुल हफीज, माधुरी उरांव, संजू देवी आदि उपस्थित थे।

खलारी, मो मुमताज़

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