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Ranchi News:-ईडी – आईटी ले शिकंजे में अधिकतर वही अफसर व्यवसायी, जिनकी पिछली सरकार में भी थी चलती

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प्रेरणा चौरसिया

Drishti  Now  Ranchi

झारखंड में ईडी-आईटी की कार्रवाई का दायरा अभी और बढ़ेगा। इसमें रोचक बात यह है कि केंद्रीय जांच एजेंसियों के शिकंजे में वही अधिकारी व व्यवसायी फंस रहे हैं, जिनकी पिछली सरकार में भी तूती बोलती थी। इनमें एक ओर पूजा सिंघल, छवि रंजन, वीरेंद्र राम जैसे अधिकारी शामिल हैं, तो दूसरी ओर प्रेम प्रकाश जैसे कई व्यवसायी। हालांकि, यह लिस्ट अभी और लंबी होगी। उत्पाद से जुड़े रहे दो अधिकारी, मुख्यमंत्री की सुरक्षा में रहे एक अधिकारी, एक कार्य विभाग के सचिव व देवघर के एक डीसी के गले तक ईडी का हाथ पहुंच सकता है। वैसे जमीन घोटाले की जांच का दायरा कहां तक जाएगा, इसका अभी केवल अंदाजा लगाया सकता है।

आईएएस पूजा सिंघल के दबदबे सार्वजनिक थे। रघुवर सरकार में मोमेंटम झारखंड के समय ये प्रमुख भूमिका में थीं। सरकार बदली तो जिस विभाग पर हाथी उड़ाने का आरोप लगा, पूजा उसी की सचिव बनीं। फिर उद्योग की कमान भी उनके ही हाथों में सौंप दी गई। पूर्व की सरकार में उन्हें मनरेगा घोटाले में क्लीन चिट मिला। दूसरे आईएएस छवि रंजन भी उसी फन के माहिर निकलेे। पूर्व सरकार में छवि रंजन कोडरमा के डीसी थे। डीसी रहते डीसी के आवासीय परिसर से वन विभाग के कीमती पेड़ कटवाने का उन पर आरोप लगा, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई।

एसीबी जांच की खानापूर्ति भर की गई। नई सरकार उन पर ऐसी मेहरबान हुई कि राजधानी के डीसी की कुर्सी पर बैठा दिया। यहां भी वे जमीन घोटाल में तो तत्पर रहे ही, एक ऐसा भी काम कर गए, जो मुख्यमंत्री को परेशानी में डाल गया। हेमंत सोरेन के नाम पत्थर खदान के लीज नवीकरण के समय छवि रंजन ही रांची के डीसी थे।

पथ निर्माण कैडर के वीरेंद्र राम की पोस्टिंग जल संसाधन में
ग्रामीण विकास विभाग के मुख्य अभियंता वीरेंद्र राम का दबदबा पिछली सरकार में ही नहीं, वर्तमान सरकार में भी रहा। जल संसाधन विभाग से पहले ग्रामीण विकास विभाग के विशेष प्रमंडल और फिर ग्रामीण कार्य विभाग के भी मुख्य अभियंता की जिम्मेदारी लेने में उन्होंने पूर्व और वर्तमान सरकार दोनों का लाभ लिया। ग्रामीण कार्य विभाग के मुख्य अभियंता का पद, पथ निर्माण विभाग का कैडर पोस्ट है। लेकिन, जल संसाधन का अभियंता होने के बाद भी नियमों को शिथिल कर उन्हें ग्रामीण कार्य विभाग के मुख्य अभियंता की भी जिम्मेदारी सौंप दी गई। जेल में बंद व्यवसायी प्रेम प्रकाश की भी चलती दोनों सरकारों में रही। उसे शराब के कारोबार की जिम्मेवारी पूर्व की सरकार ने ही सौंपी थी।

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