Ranchi News:-किसानो तक लाभ नहीं पहुंचने पर अफसर जिम्मेदार है, ममले की पूरी जाँच हो :- बादल पत्र लेख
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प्रेरणा चौरसिया
Drishti Now Ranchi
कृषि मंत्री बादल पत्रलेख के अनुसार, यदि किसानों को उनके लिए निर्धारित कार्यक्रमों से लाभ नहीं मिल रहा है तो इसके लिए अधिकारी जिम्मेदार हैं। उन्हें अपनी कार्यशैली में सुधार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि फंड आवंटित करने और खर्च करने के अलावा किसानों की समस्याओं पर भी ध्यान देना जरूरी है।
अंतरराष्ट्रीय कदन्न वर्ष-2023 के उपलक्ष्य में हेसग के पशुपालन भवन सभागार में आयोजित राज्य स्तरीय खरीफ सह बाजरा कार्यशाला के दौरान वे प्रदेश के सभी जिला कृषि पदाधिकारियों एवं जिला सहकारिता पदाधिकारियों को संबोधित कर रहे थे.
उन्होंने कहा कि किसानों के प्रति प्रतिबद्धता अधिकारियों की होनी चाहिए। आंकड़ों के अनुसार, राज्य की 80% जनसंख्या कृषि पर निर्भर है; हालाँकि, क्या हमारे सभी कार्यक्रम 80% किसानों तक पहुँच पाए हैं? यदि आप कभी विचार-मंथन अभ्यास करते हैं, तो आप महसूस करेंगे कि अभी भी बहुत काम किया जाना बाकी है।
खरीफ मौसम में अफसर ज्यादा सक्रिय रहें: कृषि पशुपालन एवं सहकारिता सचिव अबु बकर सिद्दीकी ने कहा- खरीफ व रबी दोनों ही फसलें महत्वपूर्ण हैं, पर खरीफ अति महत्वपूर्ण है। राज्य में करीब 18 लाख हेक्टेयर भूमि पर खरीफ फसल होती है, जिसका ज्यादातर हिस्सा बारिश पर निर्भर है। खरीफ मौसम में अफसरों को ज्यादा सक्रिय रहना चाहिए, क्योंकि यह झारखंड का आधार है।
2019 से अबतक 4500 करोड़ रु. किसान कल्याण में खर्च हुए
बादल ने कहा कि राज्य की जीडीपी में 14 प्रतिशत कृषि की भागीदारी है, जिसे हम 20 प्रतिशत तक ले जाना चाहते हैं। चेकडैम, खदानों के पानी से सिंचाई की जा सकती है। बड़े वाटर रिजर्ववायर बनाकर हम आगे बढ़ सकते हैं, लेकिन उसके लिए पदाधिकारियों को योजना बनाकर काम करना होगा।
कहा कि 2019 से अब तक हमारे विभाग ने करीब 4500 करोड़ रुपये किसान कल्याण के लिए दिए हैं, जो अब तक का रिकॉर्ड है। वहीं, 5 लाख किसानों का लोन माफ किया साथ ही 9.38 लाख किसानों को पिछली सरकार से बकाया बीमा का लाभ भी दिलवाया। मुख्यमंत्री सुखाड़ राहत के तहत 3500 रुपए प्रति एकड़ प्रति किसान दिया गया।
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