Ranchi News:-भगवान भरोसे चल रहे है 84 अंचलो में सीओ नहीं, अफसर मिलने के बाद भी नहीं हो रही पोस्टिंग
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प्रेरणा चौरसिया
Drishti Now Ranchi
झारखंड के 268 अंचलों में से 84 में अंचलाधिकारी का पद खाली है। इन रिक्त पदों को संबंधित प्रखंड के बीडीओ, बगल के अंचल के सीओ और जिले के अन्य पदाधिकारियों को प्रभार देकर काम चलाया जा रहा है। दूसरी ओर, अंचलाधिकारी के पद पर पदस्थापन के लिए भू-राजस्व विभाग को दिए गए राज्य प्रशासनिक सेवा के 24 प्रशिक्षु अधिकारी चार महीने से प्रतीक्षारत हैं। इनकी पोस्टिंग नहीं की जा रही है।
ये सभी अधिकारी बिना काम के बैठकर राजकोष से प्रति माह 20-22 लाख रुपए वेतन ले रहे हैं। दस्तावेज के अनुसार, कार्मिक एवं प्रशासनिक सुधार विभाग ने बीते 6 फरवरी को झारखंड प्रशासनिक सेवा के 24 अधिकारियों की सेवा भू-राजस्व विभाग को अंचल अधिकारी के पद पर पदस्थापन के लिए सौंपी थी। इनमें जेपीएससी पांचवीं से लेकर आठवीं तक के प्रशिक्षु उप समाहर्ता शामिल हैं। ये अभी राज्य के अलग-अलग जिलों में प्रशिक्षणरत हैं, जहां अंचलाधिकारी के पद रिक्त हैं।
राज्यभर के अंचलों में लंबित हैं म्युटेशन के हजारों मामले
झारखंड में ससमय म्युटेशन एक गंभीर समस्या है। म्युटेशन की प्रक्रिया में मुख्य जिम्मेवारी अंचलाधिकारी की ही है। दूसरी ओर, राज्य के 84 प्रखंडों में अंचलाधिकारी के पद रिक्त हैं। इसको लेकर मुख्यमंत्री से लेकर मुख्य सचिव तक परेशान हैं। जमीन के अवैध हस्तांतरण में म्युटेशन भी एक मुख्य कारक है। मालूम हो कि जमीन विवाद और अवैध हस्तांतरण के मामलों पर ईडी ने भई हाथ डाल रखा है। रांची के पूर्व डीसी जमीन हेराफेरी के आरोप में ही जेल में हैं।
जमीन घोटाले के केस बढ़ने के बाद भी सुस्ती
राज्यभर में रोज जमीन घोटाले के नए-नए मामले उजागर हो रहे हैं। रांची के डीसी छवि रंजन, बड़गाईं सीओ, कांके सीओ व रजिस्ट्रार तक जमीन संबंधी गड़बड़ी में फंस चुके हैं। राजधानी रांची और देवघर जिले में करोड़ों रुपए का जमीन घोटाला उजागर हो चुका है। इसके बाद भी राज्य सरकार अंचलों में सीओ की पोस्टिंग करने के प्रति गंभीर नहीं दिख रही।
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