Ranchi News:-सिमडेगा की शांति दुनिया के सबसे बड़े नर्सिंग अवॉर्ड के फाइनल में, 52 हजार नर्सों में से 10 का हुआ चयन
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प्रेरणा चौरसिया
Drishti Now Ranchi
सिमडेगा के कुरडेग स्थित धोढ़ी गांव की रहने वाली स्व. ऑगस्टिना कुजूर की बेटी शांति टेरेसा लकड़ा दुनिया के सबसे बड़े गार्जियंस ग्लोबल नर्सिंग अवॉर्ड-2023 के फाइनल में पहुंच गई हैं। विजेता को 2 करोड़ रुपए मिलते है। हर साल यह पुरस्कार अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस के अवसर पर दिया जाता है।
ऑगस्टिना का विवाह ओडिशा के सरजंघा के मरकूस लकड़ा से हुआ और 1961 में दोनों अंडमान चले गए। शांति टेरेसा लकड़ा का जन्म अंडमान के पर्णशाला गांव में हुआ। बुधवार को लंदन पहुंची शांति ने बताया कि अवॉर्ड की तैयारी में व्यस्त हूं। अवार्ड के लिए यूएई, केन्या, पनामा, आयरलैंड, सिंगापुर, यूके, फिलीपिंस, पुर्तगाल, तंजानिया और भारत से एक-एक नर्स नॉमिनेट हुई हैं, जिसमें भारत का प्रतिनिधित्व मैं कर रही हूं।
भारत में पद्मश्री पाने वाली पहली नर्स, नाइटेंगल अवॉर्ड भी मिला
शांति टेरेसा लकड़ा पोर्ट ब्लेयर के जीबी पंत अस्पताल में कार्यरत हैं। आदिवासी लोगों और संकटग्रस्त जनजातियों की ओर से उनके काम की मान्यता में 2010 में राष्ट्रीय फ्लोरेंस नाइटिंगेल पुरस्कार प्राप्त किया। 2011 ने उन्हें पद्म श्री प्राप्त किया। शांति ने कहा कि वह भारत में सराहनीय सेवा के लिए पद्मश्री पाने वाली पहली नर्स हैं। मैं अब बेहद उत्साहित हूं क्योंकि मुझे गार्जियंस ग्लोबल नर्सिंग अवार्ड-2023 के लिए दुनिया की शीर्ष 10 नर्सों में से एक के रूप में चुना गया है। इस पुरस्कार के लिए 202 विभिन्न राष्ट्रों से 52,000 प्रस्तुतियाँ थीं।
मां ने सिखाया लोगों की सेवा करना, उनका ही आशीर्वाद है
मेरी मां झारखंड के एक छोटे-से गांव से थीं। अंडमान में भी हमलोग बहुत ही छोटे गांव पर्णशाला में रहते थे। यहां हर चीज की कमी है, लेकिन कभी मां को उदास नहीं देखा, हमेशा वह उत्साह से भरी रहतीं, उन्होंने ही मुझे लोगों की सेवा करना सिखाया। हमारे देश में बहुत नर्सें अच्छा काम कर रही हैं, मुझे यहां तक पहुंचने का मौका मिला, यह ईश्वर की इच्छा है। उनका ही आशीर्वाद है कि मैं आज दुनियाभर में भारत का प्रतिनिधित्व कर रही हूं।
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