Ranchi News:-राजभवन के नाम पर विवि में नियुक्ति समेत अन्य कार्यों के लिए दिए जा रहे फर्जी आदेश
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प्रेरणा चौरसिया
Drishti Now Ranchi
राजभवन के नाम पर राज्य के सभी विश्वविद्यालयों को आदेश दिए जाने का मामला प्रकाश में आया है। विश्वविद्यालयों के कुलपति समेत अन्य अधिकारियों को फोन कर तरह-तरह के आदेश दिए जा रहे हैं। इसमें मुख्य रुप से अनुबंध पर होने वाली नियुक्तियों में सिफारिश, विवि शिक्षकों को एक से दूसरे कॉलेज में तबादला के लिए सिफारिश की जाती है। इस तरह के कथित व्यक्तियों के फोन कॉल से विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं।
कुलपति और विवि अधिकारी राजभवन से पूछने की हिम्मत नहीं जुटा पाते हैं कि विश्वविद्यालयों में फोन करने वाले व्यक्ति राजभवन के आदेश पर निर्देश दे रहा है या व्यक्तिगत स्वार्थ की पूर्ति के लिए। इतना ही नहीं इस तरह के तत्वों के द्वारा विश्वविद्यालयों के एकेडमिक और प्रशासनिक कार्यों में सीधे तौर पर हस्तक्षेप किया जा रहा है। विश्वविद्यालयों के कुलपति और अधिकारियों को कॉल कर आदेश देने की शिकायत विभिन्न स्रोतों से राजभवन के अधिकारियों को भी मिली है।
अनुबंध पर होने वाली नियुक्ति का बढ़ गया है क्रेज
राज्य सरकार ने अनुबंध पर नियुक्त असिस्टेंट प्रोफेसरों का मानदेय 36000 रुपए से बढ़ाकर 57700 रुपए कर दिया है। इससे अनुबंध पर होने वाले असिस्टेंट प्रोफेसर का क्रेज काफी बढ़ गया है। अनुबंध पर नियुक्ति करने की सिफारिशें भी की जा रही हैं। हालांकि आरयू और डीएसपीएमयू में यूजीसी गाइडलाइन के अनुसार गठित बोर्ड के माध्यम से असिस्टेंट प्रोफेसरों की नियुक्ति की जाती है। इसमें सिफारिश की गुंजाइश नहीं के बराबर है।
राज्यपाल के प्रधान सचिव व ओएसडी को दें जानकारी
राजभवन के नाम पर विवि में कुलपति और विवि अधिकारियों को किसी प्रकार की सिफारिश की जाती है तो इसकी सूचना तत्काल राज्यपाल सह कुलाधिपति के प्रधान सचिव नितिन मदन कुलकर्णी और ओएसडी-जे मुकुलेश नारायण से संपर्क कर जानकारी दे सकते हैं। अन्यथा सिफारिश पर कार्य करने के लिए संबंधित विश्वविद्यालय के अधिकारी जिम्मेवार होंंगे।
राजभवन ने सभी विवि को लिखा पत्र
राज्यपाल के प्रधान सचिव नितिन मदन कुलकर्णी ने राज्य के सभी विश्वविद्यालयों को पत्र लिखकर कहा है कि कुलपति समेत विवि अधिकारियों को कतिपय व्यक्तियों द्वारा फोन कर अनुरोध-आदेश दिए जा रहे हैं। राजभवन के स्तर से किसी भी प्रकार के आदेश-या अनुरोध नहीं दिए जा रहे हैं।
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