Ranchi News:-पुराने ड्रेस में बच्चे जा रहे है स्कूल , राशि वितरण के बाद भी 6 लाख बच्चे नए ड्रेस से वंचित
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प्रेरणा चौरसिया
Drishti Now Ranchi
स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग ने कई अनुस्मारक भेजे, लेकिन राज्य के सरकारी स्कूलों का पूरा छात्र निकाय नई वर्दी की खरीद के लिए धन प्राप्त करने में असमर्थ था। इनमें अकेले करीब छह लाख बच्चे हैं। पैसा नहीं होने के कारण बच्चे अभी भी फटे-पुराने कपड़ों में स्कूल आ रहे हैं। शिक्षा विभाग ने सभी जिलों को पत्र भेजकर इस कमी को फिर से दूर करने का अनुरोध किया है। साथ ही प्रत्येक जिले में कितने बच्चों को नए कपड़े नहीं मिले हैं, इसकी रिपोर्ट मांगी गई है।
इस वजह से नहीं खरीद सके नयी ड्रेस
राज्य के पब्लिक स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के लिए कानून द्वारा बैंक खाते होना आवश्यक है। सरकार छात्रवृत्ति, बैग, जूते और कपड़ों जैसी चीजों के लिए धन भेजती है। इस मामले में। बिना बैंक खातों वाले बच्चे स्कूल प्रबंधन समिति के खाते के माध्यम से अपने हिस्से का पैसा प्राप्त करते हैं। विभाग की ओर से अब बिना बैंक खाते वाले बच्चों के लिए यह विकल्प उपलब्ध था कि वे अपने हिस्से की धनराशि अपने अभिभावक के खाते में स्थानांतरित कर लें। इसके बाद भी करीब छह लाख बच्चों को अभी तक पैसा उपलब्ध नहीं कराया गया है। सरकार बच्चों को दो ड्रेस पर खर्च करने के लिए 600 रुपये देती है। यही कारण है कि कक्षा 1 से 8 तक के 6 लाख विद्यार्थी केवल पुराने कपड़े पहनकर ही स्कूल जाते हैं।
राजधानी के स्कूलों में भी ऐसा नजारा
बात ऐसी नहीं है कि केवल राज्य के सुदूर इलाके में रहने वाले बच्चे ही पुरानी ड्रेस में स्कूल आ रहे हैं। स्थिति यह है कि सुदुर-ग्रामीण के स्कूलों के साथ-साथ राजधानी के स्कूलों के बच्चे भी पुराने यूनिफार्म में दिख जाते हैं। राज्य के प्रारंभिक स्कूलों में करीब 40 लाख बच्चे नामांकित हैं। इसमें से 34 लाख बच्चों को पोशाक की राशि या फिर पोशाक मिल गई, लेकिन बाकी बच्चे इससे लाभांवित नहीं हो सके हैं।
बढ़ सकती है पोशाक की राशि
आगामी सत्र से शिक्षा विभाग बच्चों के हित को ध्यान में रखकर कुछ बदलाव कर सकता है। इसकी तैयारियां इसी साल से चल रही हैं। विभागीय सूत्रों की मानें तो बच्चों को पोशाल के लिए दी जाने वाली राशि में बदलाव करेगी। अभी तक छह सौ रुपये ही बच्चों को मिलते हैं। आगामी सत्र से यह राशि एक हजार रुपये हो सकती है। विभाग अभी इसके कैलकूलेशन में लगा हुआ है। दिवंगत शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो पोशाक की राशि बढ़ाने के पक्ष में थे।
नए सत्र में ड्रेस के साथ बैग भी
नए शैक्षणिक सत्र शुरू होने के बाद इस बार स्कूली बच्चों को बैग भी दिया जाएगा। बैग हर दो साल में बच्चों को दिया जाता है। इसके लिए भी टेंडर की प्रक्रिया निकलेगी और स्कूलों तक बैग पहुंचेगी। क्लास वार बैग की कीमत भी अलग-अलग तय है, उसी अनुसार बैग बच्चों को उपलब्ध कराए जाएंगे।
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