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Rims:-रिम्स जीबी बैठक में विवाद ,सवालों के बीच 55वीं बैठक फिर स्थगित, अब 26 को

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रिम्स शासी परिषद (जीबी) की 55वीं बैठक शुक्रवार को तीसरी बार फिर टल गई। बैठक से मरीजों का हित गौण रहने की बात पर बहस शुरू हुई जो विवाद में बदल गया। बैठक 11.30 बजे निर्धारित थी, लेकिन जीबी (गवर्निंग बॉडी) के अध्यक्ष स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता खुद 12:05 बजे रिम्स पहुंचे। 12:10 बजे बैठक शुरू हुई, लेकिन सदस्यों के विवाद के कारण आधे घंटे में ही बैठक स्थगित कर दी गई। अब रिम्स गवर्निंग बॉडी की अगली बैठक 26 मार्च को होगी।

बैठक के दौरान कुछ सदस्यों ने बैठक में रखे गए एजेंडों का विरोध किया। रांची सांसद संजय सेठ और कांके विधायक समरी लाल ने कहा कि जितने भी एजेंडे रखे गए हैं, उसमें मरीज हित के लिए एक भी मुद्दा नहीं है। डायरेक्टर के कार्यकाल पर सवाल उठाते हुए कहा कि अब तक इन्होंने मरीज हित में एक भी काम किया हो, जिसे अपनी उपलब्धि में गिना सके तो बताएं? सदस्यों ने आरोप लगाया कि बैठक के लिए जो भी एजेंडा निर्धारित होता है, उसे सिर्फ स्वास्थ्य मंत्री और निदेशक निर्धारित करते हैं।

इस पर डॉ. कामेश्वर प्रसाद ने कहा कि मेरे काम से संतुष्ट नही हैं तो सभी सदस्य वोटिंग कर मुझे हटा दें। इस पर मंत्री बन्ना गुप्ता ने उन्हें कहा कि इस्तीफे की बात खुद के विवेक का मसला है। अगर आपको लगता है, इस्तीफा देना चाहिए तो दे दें। लेकिन इस बात को मीटिंग में बोलने का कोई भी औचित्य नहीं बनता है।

पहले निरीक्षण हो, फिर एजेंडे तय करें : सांसद

बैठक के दौरान सांसद संजय सेठ ने कहा कि रिम्स राज्य का गौरव है। यहां गरीब से गरीब मरीज इलाज के लिए आते हैं, लेकिन रूई तक उन्हें बाहर से खरीद कर लाना पड़ता है। उन्होंने पहले सभी वार्डों का भौतिक निरीक्षण करने, फिर एजेंडे तय करने को कहा।

स्वास्थ्य विभाग राजनीति से प्रेरित नहीं : बन्ना गुप्ता

निरीक्षण के बाद स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि रिम्स में जांच के क्रम में कई कमियां-खामियां दिखी हैं। स्वास्थ्य विभाग राजनीति से प्रेरित नहीं है। यह मानवीय दृष्टिकोण का विभाग है। 26 को जीबी और सार्थक होगी।

तो हर फाइल मंत्री के पास क्यों जाती है : सेठ

इधर, सांसद संजय सेठ ने कहा कि मंत्री जी कहते हैं कि स्वास्थ्य राजनीति का विभाग नहीं है। ऐसे में मंत्री बताएं कि हर छोटी-छोटी फाइलें मंत्री के पास क्यों जाती हैं? क्या डायरेक्टर फाइलें निबटाने के लिए सक्षम नही हैं?

मंत्री बोले-सीएमओ को तुरंत सस्पेंड करें

ट्रॉमा सेंटर स्थित सेंट्रल इमरजेंसी का भौतिक निरीक्षण करने के दौरान मंत्री मरीज की मैली चादर देख भड़क गए। दूसरे मरीज के पास गए तो पता चला कि वह घर से कंबल लाकर ओढ़े हुए है। इसके बाद निदेशक से कहा- तत्काल प्रभाव से सीएमओ को सस्पेंड और शोकॉज कीजिए।

परिजन बोले- यहां सिर्फ एनएस मिलता है

निरीक्षण के क्रम में मरीज के परिजन ने मंत्री को बताया कि यहां से एनएस (नॉर्मल स्लाइन) मिलता है सर। बाकी सब बाहर से खरीद कर लाना पड़ता है। ऑपरेशन के लिए महीनों बाद का नंबर दिया जाता है। इस पर मंत्री ने चिकित्सा उपाधीक्षक को सभी सुविधाएं समय पर उपलब्ध कराने को कहा।

 

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