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एक दिन में म्यूटेशन कर इतिहास रचा

  • कांके सीओ ने एक दिन में म्यूटेशन कर इतिहास रचा। सीओ अनिल कुमार ने कहा सचिव की पैरवी थी।———-कांके। राज्य के अंचल कार्यालयों में दाखिल खारिज के लिए जहां आम जनता को महीनों चक्कर लगाने पड़ते हैं। वही अंचल में एक ऐसा मामला प्रकाश में आया है। कि कांके अंचलाधिकारी अनिल कुमार ने आवेदन देने के एक दिन के भीतर ही म्यूटेशन की प्रक्रिया आवेदन देने के साथ ही पूर्ण करते हुए निष्पादन कर दी। और नामांतरण शुद्धि पत्र जारी कर दी गई। ऐसा कर कांके सीओ ने राज्य में इतिहास रच डाला। दाखिल खारिज वाद संख्या 2621/ 2020–21 के तहत ह्ल्का–9, मौजा मेसरा, खाता संख्या 133, प्लॉट संख्या 1708, रकबा 50 डिसमिल भूमि का है। यह म्यूटेशन पट्टा संख्या 190 तिथि 20 अगस्त 2020 का है और दाखिल खारिज की प्रक्रिया 7 सितंबर 2020 को शुरू कर पूरी की गई है। कुछ घंटे के भीतर म्यूटेशन आवेदन निष्पादित करने वाले कांके सीओ अनिल कुमार राज्य के पहले अधिकारी भी बन गए हैं। ज्ञात हो कि सरकार के गाइड लाइन के अनुसार दाखिल खारिज की प्रक्रिया राइट टू सर्विस एक्ट के तहत 30 दिनों के भीतर पूरी कर ली जानी है। जिसमें नोटिस का तमिला होना, जमीन पर आवेदक का दखलकार होना, कागजी दस्तावेजों की छानबीन करना, राजस्व कर्मचारी को कार्यस्थल पर जांच कर म्यूटेशन के आवेदन को आगे बढ़ाना है। यह सब लंबी प्रक्रिया के तहत होता है। राइट टू सर्विस एक्ट के तहत 30 दिनों के भीतर म्यूटेशन किया जाना चाहिए। लेकिन जहां आम आदमी को या आम जनता को दाखिल खारिज कराने के लिए महीनों कार्यालयों का चक्कर लगाना पड़ता है। वहीं अधिकारियों दलालों की पैरवी पर कुछ घंटों के भीतर ही म्यूटेशन कर लिया जाना अपने आप में जांच का विषय है। अंचल कार्यालय सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार इस मोटेशन में पैसा और पैरवी का जमकर खेल होना बताया जा रहा है।———————————— संबंधित अधिकारियों का है कहना—– इस संबंध में अंचल अधिकारी अनिल कुमार ने बताया कि सचिव का पैरवी था। तकनीकी त्रुटि भी हो सकती है जांच करेंगे। अगर गलत हुआ है शिकायत मिली तो म्यूटेशन रद्द करने की कार्रवाई करेंगे। अंचल निरीक्षक जगदीश उरांव ने बताया कि मुझे गुमराह कर यह कार्य करवाया गया है। मुझे कंप्यूटर की जानकारी नहीं है। इस मामले को देखेंगे। राजस्व कर्मचारी शशीकांत कुमार ने बताया कि सीओ साहब ने कहा तो कर दिए। ऑनलाइन म्यूटेशन आवेदन आया था। क्रेता विक्रेता किसी ने संपर्क नहीं किया। किसी का मोबाइल संख्या मेरे पास नहीं है। मूल दस्तावेजों की प्रति भी मेरे पास नहीं है।—– इस मामले में जिला परिषद सदस्य सह वरिष्ठ कांग्रेसी नेता मोजीबूल अंसारी व कांग्रेस सेवा दल के प्रदेश संगठन मंत्री महेश कुमार मनीष ने कहा कि 1 दिन में दाखिल खारिज होना समझ से परे है। इसकी उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए। कुछ दिनों पूर्व भूख से एक दिव्यांग व्यक्ति की मौत का मामला सामने आया था। जो सीओ की घोर लापरवाही थी।

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