नगर परिषद की सुस्ती से परेशान फुटपाथ दुकानदार, स्वयं काट रहे पीपल के पेड़ की डालियां
शंभू कुमार सिंह
सिमडेगा नगर परिषद क्षेत्र में फुटपाथ पर दुकान चलाने वाले दुकानदारों को न केवल टैक्स और अतिक्रमण के नाम पर जुर्माने का बोझ सहना पड़ रहा है, बल्कि मूलभूत सुविधाओं के अभाव में उन्हें स्वयं ही समस्याओं का समाधान करना पड़ रहा है। हाल ही में भारी बारिश के कारण एक पीपल का पेड़ गिर गया, जिससे रास्ता जाम हो गया। नगर परिषद प्रशासन ने तत्काल रास्ता तो खोल दिया, लेकिन गिरे पेड़ की बड़ी-बड़ी डालियों को हटाने और क्षेत्र की सफाई के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया।
फुटपाथ पर फूल-पौधे बेचने वाले दुकानदार विक्कू मैथी ने बताया कि नगर परिषद की सुस्त कार्यशैली के कारण उन्हें स्वयं पेड़ की डालियों को काटकर हटाना पड़ रहा है। उन्होंने कहा, “नगर प्रशासन समय पर सफाई के लिए अभियान नहीं चला रहा, जिससे हमारी दुकानदारी प्रभावित हो रही है। मजबूरी में हमें खुद ही डालियां हटानी पड़ रही हैं।”
विक्कू जैसे कई फुटपाथ दुकानदारों का आरोप है कि नगर परिषद दुकान लगाने और अतिक्रमण हटाने के नाम पर तरह-तरह के टैक्स और जुर्माना वसूलने में तो तेज है, लेकिन सफाई, पेयजल, या अन्य सुविधाएं प्रदान करने में पूरी तरह विफल है। उनके मुताबिक, नगर परिषद के पास कर्मचारियों की बड़ी संख्या होने के बावजूद सफाई और रखरखाव का कार्य “चींटी की रफ्तार” से हो रहा है।
यह घटना न केवल नगर परिषद की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाती है, बल्कि फुटपाथ दुकानदारों की उपेक्षा को भी उजागर करती है, जो अपने व्यवसाय को चलाने के लिए न केवल आर्थिक दबाव झेल रहे हैं, बल्कि बुनियादी सुविधाओं के लिए भी संघर्ष कर रहे हैं। स्थानीय दुकानदारों ने मांग की है कि नगर परिषद न केवल सफाई और रखरखाव में तेजी लाए, बल्कि उन्हें उचित सुविधाएं भी उपलब्ध कराए, ताकि उनकी आजीविका पर प्रतिकूल प्रभाव न पड़े।