गढ़वा में जंगली हाथियों का आतंक: 72 घंटों में तीन की मौत, ग्रामीणों में दहशत
गढ़वा में जंगली हाथियों का आतंक: 72 घंटों में तीन की मौत, ग्रामीणों में दहशत
गढ़वा, झारखंड : गढ़वा जिले में जंगली हाथियों का उत्पात थमने का नाम नहीं ले रहा है। पिछले 72 घंटों में हाथियों के हमले में तीन लोगों की जान चली गई। ताजा घटना मंगलवार-बुधवार की रात रंका थाना क्षेत्र के नगारी गांव में हुई, जहां झुंड से बिछड़े एक हाथी ने घर में घुसकर 65 वर्षीय विजय सिंह को कुचल दिया। घर ध्वस्त होने से उनकी दर्दनाक मौत हो गई।
घटना का विवरण
घटना के बाद परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। स्थानीय ग्रामीणों ने पीड़ित परिवार को सांत्वना दी, जबकि पंचायत प्रतिनिधि और वन विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे। इससे पहले, सोमवार को धुरकी थाना क्षेत्र के चिरका गांव में भी दो लोगों की जान हाथियों ने ले ली थी। लगातार हो रहे हमलों से ग्रामीणों में डर और वन विभाग के प्रति गुस्सा बढ़ रहा है।
वन विभाग का रुख
वन विभाग ने मुआवजे का आश्वासन दिया है। झारखंड में वन्यजीव हमलों में मृत्यु पर 4 लाख रुपये मुआवजे का प्रावधान है, जिसमें तत्काल 25,000 रुपये दिए जाते हैं। डीएफओ ने दावा किया कि हाथियों को जंगल में वापस भेजने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं, लेकिन ग्रामीणों का कहना है कि कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो रही।
नेताओं की प्रतिक्रिया
गढ़वा विधायक सत्येंद्रनाथ तिवारी ने जंगल कटाई को इस समस्या का प्रमुख कारण बताया, जिससे वन्यजीव गांवों की ओर आ रहे हैं। पलामू सांसद बीडी राम ने कहा कि यह समस्या राष्ट्रीय स्तर की है और इसे संसद में उठाया गया है। उन्होंने ठोस समाधान का भरोसा दिलाया।
ग्रामीणों की मांग
ग्रामीणों ने वन विभाग से तत्काल कार्रवाई की मांग की है, ताकि हाथियों को गांवों से दूर रखा जाए। इलाके में दहशत का माहौल है, और लोग रात में घरों से निकलने में डर रहे हैं।
हाथियों के बढ़ते हमलों ने गढ़वा में सुरक्षा और वन्यजीव प्रबंधन पर सवाल खड़े किए हैं। क्या वन विभाग और प्रशासन इस संकट का समाधान कर पाएंगे? यह देखना बाकी है।