कोरोना महामारी के पर भारी पड़ा श्रद्धा भक्ति और धर्म की आस्था.
रामगढ़, आकाश/अशोक.
रामगढ़ : कोरोना महामारी के मद्देनजर इस बार कृत्रिम छठ घाट का निर्माण कर घरों में छठ महापर्व करने की चलन शुरु हुआ है। कई लोगों ने अपने मकान की छत पर ही छठी मईया की पूजा अर्चना की। पूरा देश पिछले मार्च महीने से ही कोरोना वायरस से परेशान है। विदेश और देश के कई राज्यों में कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन की स्थिति बनी है। बावजूद हमारे देश में लोग धार्मिक त्योहारों में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते रहें हैं। बिहार, यूपी, झारखंड का सबसे महत्वपूर्ण छठ महापर्व रहा है। केंद्र एवं राज्य सरकार ने कई दिशा निर्देश जारी किए हैं। लेकिन धर्म एवं आस्था के सामने केंद्र सरकार के सभी दिशा निर्देश फेल होते रहे हैं।
शहर के थाना चौक में दामोदर नदी छठ घाट जाने वाले मार्ग की सजावट का विधिवत रूप से उद्घाटन गिरिडीह सांसद चंद्र प्रकाश चौधरी ने फीता काटकर किया। लोक आस्था एवं सूर्य की उपासना का चार दिवसीय छठ महापर्व में प्रत्येक वर्ष सामाजिक संगठन और जनप्रतिनिधि बढ़-चढ़कर सहयोग करते हैं। लेकिन इस वर्ष कोरोना को लेकर केंद्र एवं राज्य सरकार कई दिशा निर्देश जारी किए है। इसके तहत बंदिशे लागू की गई है। इस बार छठ घाटों पर सामाजिक संगठन के लोग कम दिखे। जनप्रतिनिधियों ने बढ़ चढ़कर छठ व्रतियों को सहयोग किया।
हजारीबाग में छठ महापर्व को लेकर सांसद जयंत सिन्हा, रामगढ़ में गिरिडीह सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी और विधायक ममता देवी, बड़कागांव में विधायक अंबा प्रसाद, रामगढ़ में भाजपा के पूर्व प्रत्याशी रणंजय कुमार कुंटू बाबू सहित संगठन के कई सदस्यों ने छठ घाटों में जाकर छठव्रतियों को सहयोग किया।
चार दिवसीय महापर्व के तीसरे दिन अस्ताचलगामी और चौथें दिन उदीयमान सूर्य को अर्घ्य दिया।
प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी शहर के दामोदर घाट,ओर बिजुलिया तालाब छठ घाट पर छठ व्रतियों की काफी भीड़ दिखी। यहां भी छठ पूजा समिति ने विशेष व्यवस्था कर रखा था। वहीं पुलिस प्रशासन ने यहां पर भी गोताखोरों की टोली को लगा रखा था। तालाब काफी गहरा होने के कारण यहां बांस का बैरिकेडिंग बनवा गया था। छठ पूजा समिति ने घाट पर विद्युत व्यवस्था भी किया । सामाजिक संगठन के लोग यहां प्रसाद का वितरण किया।
इस दौरान भगतों कहा कि छठ महापर्व लोक आस्था का महापर्व है। इस पर्व में लोगों की आस्था काफी होती है।