साहिबगंज जिला प्रशासन द्वारा सिदो-कानू वंशजों पर लाठीचार्ज की घटना पर आदिवासी सुरक्षा परिषद ने की दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग
साहिबगंज जिला प्रशासन द्वारा सिदो-कानू वंशजों पर लाठीचार्ज की घटना पर आदिवासी सुरक्षा परिषद ने की दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग
साहिबगंज : आदिवासी सुरक्षा परिषद ने साहिबगंज जिला प्रशासन द्वारा भोगनाडीह शहीद स्थल पर सिदो-कानू के वंशजों को श्रद्धांजलि अर्पित करने से रोकने और लाठीचार्ज की घटना की कड़े शब्दों में निंदा की है। परिषद ने इस मामले में दोषी अधिकारियों पर तत्काल कार्रवाई की मांग को लेकर उपायुक्त के माध्यम से झारखंड के राज्यपाल को मांग पत्र सौंपा है।
घटना का विवरण
इस वर्ष सिदो-कानू के वंशजों द्वारा भोगनाडीह में विचार गोष्ठी और श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित करने की योजना थी, जिसके लिए ग्रामसभा से अनुमति प्राप्त की गई थी। हालांकि, साहिबगंज जिला प्रशासन ने इस कार्यक्रम की अनुमति देने से इनकार कर दिया। जब वंशज शहीद स्थल पर श्रद्धांजलि देने पहुंचे, तो उन पर लाठीचार्ज किया गया। परिषद ने इसे शहीदों के सम्मान और लोकतांत्रिक मूल्यों का घोर अपमान करार दिया है।
प्रशासन पर भेदभाव और राजनीतिक हस्तक्षेप का आरोप
आदिवासी सुरक्षा परिषद ने आरोप लगाया कि झारखंड के अन्य जिलों जैसे सरायकेला-खरसावां और चाईबासा में शहीद दिवस के अवसर पर विभिन्न संगठनों को प्रशासन द्वारा समय निर्धारित कर कार्यक्रम की अनुमति दी जाती है। लेकिन भोगनाडीह में, जहां 29 जून को कोई सरकारी आयोजन प्रस्तावित नहीं था, वंशजों को श्रद्धांजलि अर्पित करने से रोका गया। परिषद ने इसे प्रशासन की भेदभावपूर्ण कार्यप्रणाली और संभावित राजनीतिक हस्तक्षेप का परिणाम बताया।
संवैधानिक प्रावधानों की अवहेलना
साहिबगंज जिला पांचवीं अनुसूची क्षेत्र के अंतर्गत आता है, जहां पेसा कानून के तहत ग्रामसभा को सर्वोच्च अधिकार प्राप्त है। इसके बावजूद, प्रशासन ने ग्रामसभा की स्वीकृति को नजरअंदाज कर कार्रवाई की, जो संवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन है।
मांग पत्र में प्रमुख मांग
आदिवासी सुरक्षा परिषद ने मांग की है कि इस घटना के लिए जिम्मेदार अधिकारियों को तत्काल बर्खास्त किया जाए। परिषद ने कहा कि यह घटना न केवल आदिवासी समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाली है, बल्कि यह शहीदों की शहादत और संवैधानिक मूल्यों का भी अपमान है।
आगे की कार्रवाई
परिषद ने चेतावनी दी है कि यदि दोषी अधिकारियों पर शीघ्र कार्रवाई नहीं की गई, तो संगठन इस मुद्दे को और व्यापक स्तर पर उठाएगा। साथ ही, आदिवासी समुदाय के अधिकारों और सम्मान की रक्षा के लिए हर संभव कदम उठाए जाएंगे।
ऐतिहासिक भोगनाडीह शहीद स्थल का महत्व
झारखंड के साहिबगंज जिले में स्थित भोगनाडीह शहीद स्थल संथाल हूल (1855) की ऐतिहासिक क्रांति का प्रतीक है। यह वह पवित्र भूमि है, जहां सिदो-कानू जैसे वीर शहीदों ने अंग्रेजी सत्ता के खिलाफ संघर्ष कर स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण योगदान दिया। प्रत्येक वर्ष 30 जून को यहां शहीदों की स्मृति में श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित किया जाता है।