जामताड़ा के साइबर अपराधियों पर अमेरिकी टीम द्वारा शोध की बात निकली झूठी.
जामताड़ा : जामताड़ा के साइबर अपराधियों पर अमेरिकी टीम द्वारा शोध की बात निकली झूठी. एसपी ने कहा इसकी कोई आधिकारिक जानकारी नहीं है. अखबारों और सोशल मीडिया पर खबर देखकर एसपी ने आश्चर्य व्यक्त किया. बीते कई दिनों से जामताड़ा के साइबर अपराधियों पर अमेरिकी टीम द्वारा शोध की बात विभिन्न अखबारों और सोशल मीडिया और न्यूज़ पोर्टल पर छाया हुआ है. जिसको लेकर न केवल जामताड़ा के आम जनमानस बल्कि साइबर अपराधियों के बीच भी एक कोतुहल बना हुआ है.
जब इस बात को लेकर जिले के एसपी दीपक कुमार सिन्हा से बात की गई तो उन्होंने कहा कि उन्हें इस बारे में कोई आधिकारिक जानकारी नहीं है उन्होंने कहा कि उन्हें भी अखबारों और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से ही इसकी जानकारी हुई है. जिस पर उन्होंने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि जिले में साइबर अपराधियों पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस तत्परता से खड़ी है और पुलिस अपना काम कर रही है. उन्होंने बताया कि जामताड़ा की अपेक्षा झारखंड के अन्य कई जिलों में साइबर अपराध व्यापक पैमाने पर चल रहा है और वहां रोज नए-नए साइबर अपराधी गिरफ्तार किए जा रहे हैं.
एसपी ने बताया कि बीते वर्ष जामताड़ा में पुलिस ने 160 साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है जिनके पास से लाखों रुपए, एटीएम, पासबुक ,महंगी गाड़ियां बरामद की है. पुलिस साइबर अपराधियों के नेटवर्क को तोड़ने का काम कर रही है और इसमें पुलिस को सफलता भी मिलती दिख रही है. जिसका नतीजा है कि आज जामताड़ा में साइबर अपराध पहले अपेक्षा काफी कम हो गया है.
बताया जा रहा है कि अमेरिकी टीम द्वारा जामताड़ा में साइबर अपराधियों पर शोध की बात से आम जनमानस और देश के बीच जामताड़ा की छवि को और कुख्यात रूप में पेश करने की कोशिश की जा रही है.बीते 3 दिनों से जामताड़ा के विभिन्न अखबारों और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अचानक इस खबर के आने के बाद पूरे जिले में अब इस बात की चर्चा की जा रही है कि आखिर ऐसे खबरों से जामताड़ा की छवि धूमिल करने का प्रयास किया जा रहा है.
जामताड़ा, अजय सिंह