एक लड़की के वायरल वीडियो से झारखण्ड का सियासी पारा हुआ हॉट.
Team Drishti.
राँची : पिछले पांच महीनों से झारखण्ड की दो प्रमुख राजनीतिक पार्टियां बीजेपी और जेएमएम पार्टियों के बीच ट्विटर पर राजनीतिक नूराकुश्ती जारी है। सियासत की यह जंग अदालत में भी लड़ी जा रही है और अब ये जंग आरोपो- प्रत्यारोपों से निकलकर व्यक्तिगत स्तर पर पहुंच गयी है। सोशल मीडिया पर गोड्डा के बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे और झारखण्ड के मुख्यमंत्री के बीच छिड़े ट्विटर वार के बाद गुरुवार को एक लड़की के वायरल ऑडियो ने ठंड से ठिठुरते झारखण्ड के सियासी पारे को हॉट कर दिया।
झारखंड मुक्ति मोर्चा के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से एक वीडियो जारी हुआ, जिसमें खुद को आयशा खान बतानेवाली एक युवती यह कहती नजर आयी कि “मुझे ब्लैकमेल, डराया और धमकाया जा रहा है, मैंने पुलिस को कंपलेंन भी मेल किया है और मेरे बारे में बहुत गलत-गलत ट्वीट किया जा रहा है। मुझे बहुत डर लग रहा है। मैं बस पुलिसवालों से यही चाहती हूं कि अगर मुझे कुछ हो जाये, तो इसके जिम्मेदार जहूर आलम, सुनील तिवारी, बाबूलाल मरांडी और निशिकांत दुबे, यही चारों होंगे।
गौरतलब ही कि भाजपा के नेता अब तक आयशा को वही युवती बता रहे हैं, जिसने वर्ष 2013 में तत्कालीन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ दुष्कर्म सहित कई धाराओं में मुम्बई के मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत में मुकदमा दर्ज कराया था और सुनवाई के पहले ही इसे वापस भी ले लिया था। वही वीडियो वायरल होने के बाद बाबूलाल मरांडी ने देश के गृह मंत्री, महाराष्ट्र के पुलिस महानिदेशक, मुंबई पुलिस कमिश्नर सहित अन्य अधिकारियों को पत्र लिख पीड़िता को अविलम्ब सुरक्षा उपलब्ध कराने और पूरे मामले की सीबीआई जांच कराई जाने की मांग की है।
वही प्रदेश भाजपा प्रवक्ता प्रतुल सहदेव ने भी इस मामले की सीबीआई जांच की मांग करते हुए कहा कि लड़की ने पूर्व में जो भी आरोप मुख्यमन्त्री हेमन्त सोरेन पर लगाये थे वे सारे दस्तावेजों में दर्ज है ऐसे में लड़की द्वारा इस तरह का बयान वायरल होना संदेह पैदा करता है। वही जेएमएम नेता महुआ मांझी ने इस पूरे मामले पर बोलते हुए कहा कि अब पीड़ित महिला ने खुद सामने आकर भाजपा नेताओं से जान का खतरा बताया है उससे भाजपा के झूठ की कलई खुल गयी है। इससे ये सिद्ध होता है कि भाजपा के नेता राजनीतिक लाभ के लिए किस हद तक गिर सकते हैं।
बहरहाल घटना के करीब सात वर्षों बाद लड़की के सामने आकर बयान देने से पूरे मामले को रोचक बना दिया है। ऐसे में सवाल उठता है कि वीडियो के माध्यम से अपना बयान जारी करने वाली लड़की अगर यह वही आयशा है, तो इसकी जांच होनी चाहिए कि उसके किस आरोप में कितनी सच्चाई है। क्या वह वास्तव में पीड़ित है या वह आज की गंदी राजनीति का वह भद्दा चेहरा है, जिसे बारी-बारी दोनों पक्ष मोहरे की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं। जांच इसकी भी होनी चाहिए कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ मामला दर्ज करानेवाली यह कथित मॉडल 2013 से अब तक कहां थी, क्या कर रही थी और किन लोगों के संपर्क में थी। सवाल यह भी है कि अगर बाबूलाल मरांडी और डॉ निशिकांत दुबे आयशा को न्याय दिलाना चाहते हैं, तो आयशा को उनसे डर क्यों लगता है?
दृष्टि नाउ इस वायरल वीडियो की पुष्टि नहीं करता है