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यूट्यूबर मनीष कश्यप ने बीजेपी से दिया इस्तीफा, बिहार चुनाव से पहले बड़ा सियासी उलटफेर

यूट्यूबर मनीष कश्यप ने बीजेपी से दिया इस्तीफा, बिहार चुनाव से पहले बड़ा सियासी उलटफेर

पटना, 8 जून : बिहार में 2025 के विधानसभा चुनाव से पहले एक बड़े सियासी घटनाक्रम में मशहूर यूट्यूबर और बीजेपी नेता मनीष कश्यप ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) से इस्तीफा दे दिया है। मनीष कश्यप ने शनिवार रात फेसबुक लाइव के जरिए अपनी बात रखते हुए कहा, “मैं अब बीजेपी में नहीं हूं।” उन्होंने बिहार और बिहारियों के हित में लड़ाई जारी रखने की बात कही और अपने समर्थकों से आगामी चुनाव में हिस्सा लेने के लिए सुझाव मांगे।
मनीष कश्यप ने पिछले साल 25 अप्रैल 2024 को दिल्ली में बीजेपी सांसद मनोज तिवारी की मौजूदगी में पार्टी की सदस्यता ग्रहण की थी। हालांकि, हाल ही में पटना मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (पीएमसीएच) में उनके साथ हुई कथित मारपीट की घटना ने उन्हें गहरा आघात पहुंचाया। मनीष ने आरोप लगाया कि पीएमसीएच में जूनियर डॉक्टरों ने उन्हें तीन घंटे तक बंधक बनाकर पीटा, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती होना पड़ा।
इस घटना के बाद मनीष कश्यप ने बीजेपी पर उदासीनता का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि इस मुश्किल समय में बीजेपी के किसी भी नेता ने उनका साथ नहीं दिया, जिससे वह आहत हुए। मनीष ने पीएमसीएच की खस्ताहाल व्यवस्था और एक नाबालिग दुष्कर्म पीड़िता की मौत पर भी सवाल उठाए थे, जिसके बाद उनके साथ यह विवाद हुआ।
मनीष कश्यप ने फेसबुक लाइव में कहा, “मैं अपने गांव चनपटिया गया था, कई क्षेत्रों में लोगों से बात की। मैंने फैसला लिया है कि मुझे बिहार और बिहारियों के लिए लड़ना है।” उनकी इस घोषणा के बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि वह प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी में शामिल हो सकते हैं। हालांकि, इसकी आधिकारिक पुष्टि अभी बाकी है।
बीजेपी के लिए चुनौती:
मनीष कश्यप का बीजेपी छोड़ना बिहार में पार्टी के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है, खासकर तब जब विधानसभा चुनाव नजदीक हैं। उनके यूट्यूब चैनल ‘सच तक न्यूज’ के लाखों फॉलोअर्स और बिहार के युवाओं में उनकी लोकप्रियता को देखते हुए, उनका यह कदम बीजेपी की रणनीति को प्रभावित कर सकता है।
पीएमसीएच विवाद की कहानी:
मनीष कश्यप ने 20 मई 2025 को पीएमसीएच में एक मरीज की पैरवी करने के लिए गए थे, जहां उनकी जूनियर डॉक्टरों से कहासुनी हो गई। बताया जाता है कि उन्होंने एक महिला डॉक्टर के साथ कथित तौर पर दुर्व्यवहार किया, जिसके बाद डॉक्टरों ने उन्हें कमरे में बंद कर मारपीट की। इस घटना में मनीष को चोटें आईं और उन्हें ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया। इस मामले में पीरबहोर थाने में अज्ञात डॉक्टरों और अस्पताल कर्मियों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की गई।

जाहिर है मनीष कश्यप ने इस्तीफे के बाद बिहार की समस्याओं, खासकर स्वास्थ्य और कानून-व्यवस्था, पर जोर देने की बात कही है। उनके इस कदम ने बिहार की सियासत में नई हलचल पैदा कर दी है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि वह किस पार्टी के साथ अपनी सियासी पारी आगे बढ़ाते हैं और बिहार की जनता पर इसका क्या असर पड़ता है।

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