झारखंड हाईकोर्ट के एडवोकेट रजनीश वर्धन की पत्नी की ओर से दायर किया गया हैवीअस कॉपस,अगली सुनवाई 25 नवंबर को।

झारखंड हाईकोर्ट ने आपराधिक मामले में दिए जाने वाले शपथपत्र की वैधता को 21 दिनों की कर दी है।

झारखंड हाईकोर्ट ने आपराधिक मामले में दिए जाने वाले शपथपत्र की वैधता अब 21 दिनों की कर दी है. इस तरह के मामले दायर करने के लिए पैरवीकार को एक शपथपत्र दाखिल करना पड़ता है. शपथपत्र में सम्बंधित व्यक्ति के बारे में पूरी जानकारी रखने की बात कही जाती है.फिलहाल पैरवीकार द्वारा एफिडेविट किए जाने के सात दिनों के अंदर ही याचिका दायर की जा सकती थी और सात दिनों की अवधि खत्म होने के बाद शपथपत्र की वैधता खत्म हो जाती थी. लेकिन झारखण्ड हाईकोर्ट रूल को शिथिल करते हुए अब इसकी वैधता 21 दिनों कर दी है. यह प्रावधान फिलहाल 16 नवम्बर तक के लिए किया गया है।
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झारखंड हाईकोर्ट एडवोकेट एसोसिएशन के महासचिव नवीन कुमार ने झारखण्ड हाईकोर्ट में रिट दायर कर अदालत से कोरोना संक्रमण का हवाला देते हुए आपराधिक मामलों में शपथपत्र की वैधता सात दिनों से बढ़ाये जाने का आग्रह किया था. इसके बाद हाईकोर्ट ने इस पर सहमति जताते हुए यह प्रावधान लागू किया है.
हाईकोर्ट एडवोकेट एसोसिएशन के महासचिव नवीन कुमार के मुताबिक हाईकोर्ट द्वारा शपथपत्र की वैधता की अवधि 3 सप्ताह बढ़ाये जाने से आपराधिक मामलों की फाइलिंग में तेजी आएगी और लंबित मामलों का निष्पादन भी तेजी से होगा.
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