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रांची के राकेश अस्थाना बने दिल्ली पुलिस के नए कमिश्नर, 31 जुलाई को होना था रिटायर

Ranchi: सीबीआई के पूर्व स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना को दिल्ली पुलिस का नया कमिश्नर नियुक्त किया गया है. गृह मंत्रालय ने मंगलवार को बताया कि अस्थाना का कार्यकाल एक साल का होगा. 1984 बैच के गुजरात कैडर के आईपीएस अधिकारी अस्थाना बीएसएफ के महानिदेशक की जिम्मेदारी संभाल रहे थे. वह 31 जुलाई को सेवानिवृत्त होने वाले थे. अस्थाना सीबीआई के संयुक्त निदेशक भी रह चुके हैं.

कौन हैं राकेश अस्थाना?
आईपीएस अधिकारी राकेश अस्थाना झारखंड के नेतरहाट विद्यालय से पढ़े हैं. 1984 बैच के आईपीएस अधिकारी अस्थाना के पिता हरे कृष्ण अस्थाना नेतरहाट विद्यालय में ही शिक्षक थे. मैट्रिक की परीक्षा पास करने के बाद अस्थाना की पढ़ाई रांची के सेंट जेवियर कॉलेज में हुई थी. आईपीएस में चयन के बाद गुजरात कैडर मिला था.

राकेश अस्थाना काफी तेज-तर्रार ऑफिसर माने जाते हैं. चारा घोटाले से जुड़े मामले की जांच में राकेश अस्थाना की अहम भूमिका रही थी. सीबीआई एसपी रहते हुए चारा घोटाले की जांच उनकी अगुआई में की गई थी. राकेश अस्थाना नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के डीजी अतिरिक्त प्रभार में भी रहे हैं. उनकी निगरानी में ही सुशांत सिंह राजपूत की मौत से जुड़े ड्रग्स केस की जांच शुरू हुई थी.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति (ACC) ने एजीएमयूटी कैडर से बाहर गुजरात कैडर के अस्थाना की दिल्ली पुलिस आयुक्त के तौर पर नियुक्ति को मंजूरी दी. ऐसे बहुत कम उदाहरण हैं जब एजीएमयूटी कैडर के बाहर से एक आईपीएस अधिकारी को दिल्ली पुलिस प्रमुख के रूप में नियुक्त किया गया हो. 2018 में सीबीआई में अपने कार्यकाल के दौरान अस्थाना का सीबीआई के तत्कालीन निदेशक आलोक वर्मा से विवाद हुआ था और दोनों ने एक दूसरे पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे. केंद्र सरकार ने इसके बाद दोनों अधिकारियों को CBI से हटा दिया था.

चारा घोटाले की जांच में रही अहम भूमिका
संयुक्त बिहार में चारा घोटाले से संबंधित मामले की जांच में भी राकेश अस्थाना की अहम भूमिका रही थी. सीबीआई एसपी रहते हुए चारा घोटाले की जांच उनके नेतृत्व में की गई थी. चारा घोटाले की जांच के शुरुआती दिनों में धनबाद में सीबीआई के एसपी पद पर पोस्टेड थे और मामले की जांच कर रहे थे. ये दौर लालू यादव के बुलंदियों का दौर था. मामले की जांच के बाद अस्थाना ने लालू प्रसाद यादव के खिलाफ 1996 में चार्जशीट दायर की. 1997 में लालू यादव पहली बार गिरफ्तार हुए थे.

सीबीआई में रहते हुए तत्कालीन निदेशक आलोक वर्मा के साथ हुए विवाद के बाद राकेश अस्थाना एक बार फिर से चर्चा में आए थे, जिसके बाद उनका तबादला सीबीआई से कर दिया गया था. राकेश अस्थाना डीजी नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के अतिरिक्त प्रभार में भी थे.

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