Hemant Soren

JMM:-खनिजों के अवैध ट्रांसपोर्टेशन में रेलवे के अधिकारियों की भूमिका की एसआईटी करेगी जांच, रिटायर चीफ जस्टिस विनोद कुमार गुप्ता होंगे अध्यक्ष

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प्रेरणा चौरसिया

Drishti  नाउ

झारखंड से खनिजों की अवैध तरीके से हो रही ट्रांसपोर्टेशन में रेलवे अधिकारियों की भूमिका की अब स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) जांच करेगी। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इसकी सहमति दे दी है। इसके साथ ही एक सदस्यीय एसआईटी भी बना दी है। इस एसआईटी के अध्यक्ष झारखंड हाइकोर्ट के रिटायर चीफ जस्टिस विनोद कुमार गुप्ता होंगे। आज इस बाबत आदेश जारी किया गया है। सरकार की ओर से इनका छह माह निर्धारित करने, आयोग के अध्यक्ष को प्रतिमाह मानदेय, अध्यक्ष को उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के समतुल्य यात्रा भत्ता एवं अन्य सुविधाएं एवं आयोग के कार्यालय हेतु एक सहायक, एक आदेशपाल, एक कम्प्यूटर ऑपरेटर एवं वाहन की सुविधा उपलब्ध कराने के प्रस्ताव पर स्वीकृति दी है।
मुख्यमंत्री ने रेल मंत्री को लिखा था पत्र
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 14 दिसंबर 2022 को रेल मंत्री को पत्र लिखा था। जिसमें उन्होंने कहा था कि राज्य सरकार अवैध खनन एवं इसके ट्रांसपोर्टेशन में रेलवे पदाधिकारियों की संलिप्तता एवं अन्य सभी संबंधित बातों की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय जांच समिति के गठन का निर्णय लिया गया है। मुख्यमंत्री ने पत्र के माध्यम से रेल मंत्री से आग्रह किया था कि आपके द्वारा रेलवे के पदाधिकारियों को इस उच्च स्तरीय जांच समिति को पूरा सहयोग करने हेतु निर्देशित किया जायेगा।
निर्धारित पोर्टल से करना है ट्रांसपोर्टेशन
खान एवं खनिज (विकास एवं विनियमन) अधिनियम की धारा-23 (C) के अन्तर्गत राज्य में खनिजों के अवैध ट्रांसपोर्टेशन की रोकथाम हेतु The Jharkhand Minerals (Prevention of illegal Mining, Transportation and Storage) Rules, 2017 अधिसूचित किया गया है। अधिसूचित नियमावली के नियम- 9(1) के अनुसार उत्खनित खनिजों का रेल मार्ग से परिवहन भी JIMMS पोर्टल से प्राप्त परिवहन चालान के माध्यम से ही किया जाना है। इस संदर्भ में खान एवं भूतत्व विभाग एवं विभिन्न उपायुक्त / जिलास्तरीय पदाधिकारियों के माध्यम से भी वैध ई-चालान के साथ खनिजों के परिवहन हेतु कई निर्देश निर्गत किये गये हैं। इन सभी प्रयासों के बावजूद भी विभिन्न स्रोतों से सूचनाएं प्राप्त हो रहीं हैं कि रेलवे के माध्यम से बिना वैध चालान के भारी मात्रा में खनिज का परिवहन / प्रेषण किया जा रहा है।
रिपोर्ट के आधार पर एसआईटी बनायी गयी
रेलवे अधिकारियों की संलिपतता से संबंधित रिपोर्ट दुमका डीसी की ओर से भेजी गयी थी। रिपोर्ट में इस बात का जिक्र है कि रेलवे साईडिंग से बिना परमिट/चालान के पत्थर चिप्स के परिवहन करने के संदर्भ में सूचनाएं/आंकड़े भेजे गये हैं। इस अनियमितता में रेलवे के अधिकारियों की संलिप्तता मिली है। इसलिए राज्य अन्तर्गत विभिन्न खनिजों के अवैध ट्रांसपोर्टेशन में रेलवे के अधिकारियों की भूमिका की जांच एवं रोकथाम के लिए सुझाव देने हेतु एक सदस्यीय एसआईटी गठन करने का निर्णय लिया गया है।
नियम के मुताबिक है एसआईटी
The Commission of Inquiry Act, 1952 की धारा-3 के तहत प्रदत् शक्तियों का प्रयोग करते हुए झारखण्ड सरकार द्वारा मुख्य न्यायाधीश (से०नि०) झारखंड उच्च न्यायालय विनोद कुमार गुप्ता को गठित एक सदस्यीय एसआईटी का अध्यक्ष नियुक्त करने का निर्णय लिया गया है।

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