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सिमडेगा : तन स्वस्थ, मन शांत और आत्मरक्षा के लिए ताइक्वांडो सबसे बेहतरीन विकल्प – उपायुक्त

शंभू कुमार सिंह 

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सिमडेगा : बढ़ते अपराध के दौर में आत्मरक्षा का प्रशिक्षण आज जरूरत बन गया है। इसी उद्देश्य से रविवार को नेताजी सुभाषचंद्र बोस इंडोर स्टेडियम, सिमडेगा में जिला ताइक्वांडो संघ के तत्वावधान में एक दिवसीय ताइक्वांडो ट्रेनिंग कैम्प सह बेल्ट परीक्षा का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम की मुख्य अतिथि उपायुक्त कंचन कुमारी ने कहा कि “ताइक्वांडो न केवल शरीर को फिट और स्वस्थ रखता है, बल्कि मन को शांत व संतुलित रखने के साथ-साथ आत्मविश्वास भी बढ़ाता है। आज के समय में हर छात्र-छात्रा को पढ़ाई के साथ-साथ आत्मरक्षा का प्रशिक्षण अवश्य लेना चाहिए।” उन्होंने संघ की हर संभव मदद करने का आश्वासन भी दिया।

संघ के अध्यक्ष जवाहर चौधरी ने प्रतिभागियों से कहा कि मन लगाकर ताइक्वांडो सीखें, इससे पढ़ाई में एकाग्रता बढ़ती है और मानसिक संतुलन बना रहता है। सचिव श्री जूनाश डांग ने सभी खिलाड़ियों को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दीं।

कैम्प में किक, पंच, ब्लॉक, टेक्निक्स एवं सेल्फ डिफेंस की बारीकियां सिखाई गईं। संयुक्त सचिव सह राष्ट्रीय रेफरी अजय सिंह एवं राष्ट्रीय रेफरी मनी कुमारी के निर्देशन में पूम्से (ताइकिक) प्रतियोगिता भी हुई।

प्रतियोगिता परिणाम

प्रथम स्थान : KGBV सिमडेगा

द्वितीय स्थान : सेंट पीटर स्कूल, टी. टांगर

तृतीय स्थान : ताइक्वांडो अकादमी, गुमला

विजेता टीमों को सेंट पीटर स्कूल के डायरेक्टर सायमन डूंगडूंग ने मोमेंटो देकर सम्मानित किया। सभी प्रतिभागियों को संघ की ओर से प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया।

बेल्ट प्रमोशन

ब्लू बेल्ट : सुलेमान डांग, मनीषा कुमारी, पिंकी कुमारी

ब्लू-1 बेल्ट : अजित बारला

ग्रीन बेल्ट : सकुंतला कुमारी

कार्यक्रम में शिक्षा विभाग के अंतर्गत रानी लक्ष्मीबाई आत्मरक्षा प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे छात्र-छात्राओं सहित स्वामी विवेकानंद विद्यालय लचरागढ़, सेंट पीटर स्कूल टी. टांगर, सेंट कबीर सेमिनरी, फॉरेस्ट वैली भूकुमुंडा, ताइक्वांडो अकादमी गुमला एवं जिले के विभिन्न प्रखंडों से लगभग 250 बालक-बालिकाओं ने हिस्सा लिया।

कार्यक्रम को सफल बनाने में अध्यक्ष जवाहर चौधरी, सचिव-सह-मुख्य प्रशिक्षक जूनाश डांग, सहायक मुख्य प्रशिक्षक अजय सिंह, राष्ट्रीय रेफरी मनी कुमारी, प्रशिक्षिका पद्मावती कुमारी एवं दीक्षित कुमारी, कोषाध्यक्ष विजय कुमार सिंह तथा प्रशिक्षक डेविड लुगुन, मारकुश कुजूर, मुन्ना ग्वाला, दिनेश्वर धुर्वा, जेम्स कंडुलना, राजेंद्र मांझी, प्रेम किडो एवं दिलीप बड़ाईक आदि का महत्वपूर्ण योगदान रहा।

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