झारखंड राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ की 21 सूत्री मांगें अधूरी, जल्द ही सीएम हेमंत सोरेन से मिलेगा प्रतिनिधिमंडल।
झारखंड राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ की 21 सूत्री मांगें अधूरी, जल्द ही सीएम हेमंत सोरेन से मिलेगा प्रतिनिधिमंडल।
रांची :झारखंड राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ ने राज्य सरकार से 21 सूत्री मांगों के समर्थन में आंदोलन तेज करने का संकेत दिया है। महासंघ के हजारों कर्मचारी बहुत जल्द ही मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मिलकर अपनी समस्याओं और मांगों को रखेंगे।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!महासंघ ने कहा कि राज्य के अराजपत्रित कर्मचारियों का भरोसा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर कायम है, लेकिन अब तक कई संवर्गों का संशोधित वेतनमान, ग्रेड पे और लाभकारी भत्ते केंद्र के अनुरूप नहीं दिए गए हैं।
महासंघ की प्रमुख मांगों में:
- JSLPS के ऑफिस अटेंडेंट, डाटा एंट्री ऑपरेटर, बीपीएम, बीएपी/पीआरपी संवर्ग को लेवल में समायोजन
- न्यूनतम मानदेय 20 हजार रुपये प्रतिमाह
- प्रतिदिन 783 रुपये मानदेय और 15 किमी के दायरे में पदस्थापन
- बीपीएम संवर्ग का वेतन पुनर्संरचना और 80 हजार रुपये प्रतिमाह मानदेय
- सहकारिता प्रसार पदाधिकारी और निरीक्षक संवर्ग को संशोधित वेतनमान एवं 4600 ग्रेड पे
- सभी संविदा, अनुबंध, दैनिक वेतनभोगी व आउटसोर्सिंग कर्मियों का स्थायी समायोजन
महासंघ ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री सचिवालय से 2023 में सभी विभागों को 21 सूत्री मांगों पर कार्रवाई के लिए पत्र भेजा गया था, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
महासंघ ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं तो सबसे पहले JSLPS का घेराव किया जाएगा और फिर मुख्यमंत्री आवास के समक्ष सत्याग्रह प्रदर्शन होगा।
महासंघ के महामंत्री सुनील कुमार साह, अध्यक्ष देव नारायण सिंह मुंडा, संरक्षक गणेश प्रसाद सिंह सहित अन्य पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री से जल्द मांगों पर कार्रवाई करने की अपील की है।





