कांग्रेस सरकार ने चुनावी घोषणा पत्र में यह कृषि विधेयक शामिल किया था लेकिन हिम्मत नहीं जुटा पाई
कृषि विधेयक को लेकर कांग्रेस के लगातार विरोध को लेकर बीजेपी के तेवर तल्ख है आज bjp के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने कई आरोप राज्य सरकार पर लगाये साथ ही कृषि विधेयक की किसानों को फायदे भी गिनवाए उन्होंने कहा की पूर्व में कांग्रेस सरकार ने चुनावी घोषणा पत्र में यह कृषि विधेयक शामिल किया था व लागू करने की बात कही थी, लेकिन उनकी सरकार रहते इसे लागू करने की हिम्मत नहीं जुटा पाए.
हम सभी जानते हैं कि यह देश कृषि आधारित देश है. भारत की आत्मा किसानों के दिल में बसता है. यह भी जानते हैं कि किस प्रकार से कांग्रेस पार्टी के लोग किसान विरोधी बयान दे रहे हैं, दुष्प्रचार कर, देश में भ्रामक स्थिति पैदा कर रहे हैं.
कृषि आधारित विधेयक पर तीन प्रावधान किए गए हैं:
1. एक तो मंडी में किसान अपनी फसल को बेचता था, बेचता रहेगा लेकिन उसके अलावा अपनी फसल को दूसरे स्थान या राज्य में ले जाकर बेच सकता है. किसान अपनी फसल का मूल्य स्वयं निर्धारित कर (अपना कीमत लगाकर) बिक्री कर सकता है.
यह सभी को मालूम है कि किस प्रकार से मंडियों में बिचौलियों एवं दलालों का शासन रहा है और इसके संरक्षक जो आज विरोध कर रहे हैं कांग्रेस एवं विपक्ष पार्टी के लोग रहे हैं. विरोध कर रहे लोग किसानों के हितैषी नहीं बल्कि बिचौलियों एवं दलालों के हितैषी हैं.
2. किसान और इकरारनामा के बीच में जमीन को लेकर कोई एग्रीमेंट नहीं होगी जो भी एग्रीमेंट होगी वह फसल पर होगी. फसल का मूल्य निर्धारण आपसी सहमति से पहले ही हो सकेगा. इस व्यवस्था से किसान अपनी बंजर भूमि का भी उपयोग फसल उगाने में कर सकेंगे
3. आवश्यक वस्तु अधिनियम के प्रस्तावित संशोधन से अत्यधिक रेगुलेटरी हस्तक्षेप हटेगा और खेती में निजी निवेशकों की भागीदारी बढ़ेगी. इससे कृषि क्षेत्र में बडा बदलाव आएगा और किसानों की आय बढ़ाने में मदद मिलेगी.
देश के किसान कांग्रेसियों का सच जानते हैं और इसलिए राजभवन के पास आयोजित विरोध प्रदर्शन में एक भी किसान शामिल नहीं हुए. इसमें केवल कांग्रेसी कार्यकर्ता ही दिखे। सभी जानते हैं कि किस प्रकार से कांग्रेस पार्टी के दामाद बन हरियाणा के किसानों की जमीन लूट ली थी. कांग्रेस पार्टी के नेताओं का खेत खलिहान एवं किसानों से कोई लगाव नहीं है.
कांग्रेस एवं विपक्ष पार्टी के लोग किसानों के हित के लिए लाया गया कृषि विधेयक पर राजनीति कर रहे हैं. इसलिए प्रदेश भाजपा की टीम गांव गांव में 15 दिनों का विशेष किसान पखवाड़ा कार्यक्रम चलाकर कृषि बिल पर उन्हें जागरूक करेगी.