19.08.2021 11.19.24 REC

जमशेदपुर के शिक्षक मनोज सिंह को 5 सितम्बर को राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित किया जाएगा

शिक्षा मंत्रालय ने बुधवार को इस साल के राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए चयनित 44 शिक्षकों की सूची जारी कर दी है. इन शिक्षकों को 5 सितंबर, शिक्षक दिवस पर राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित किया जाएगा. इनमें से एक शिक्षक झारखंड से हैं. जमशेदपुर के गोलमुरी स्थित हिंदुस्तान मित्र मंडल स्कूल के शिक्षक मनोज कुमार सिंह राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए चुने गए हैं. 49 साल के मनोज को शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर काम करने के लिए राष्ट्रपति पुरस्कार दिया जाएगा.

मनोज बच्चों को गणित विषय पढ़ाते हैं. केन्द्रीय शिक्षा मंत्रालय ने झारखंड की ओर से भेजे गए तीन शिक्षकों के नाम में से राष्ट्रपति पुरस्कार के लिए मनोज का चयन किया गया. उन्होंने जेसीईआरटी के लिए पहली से आठवीं के गणित की किताब तैयार करने में मदद की है. उन्होंने बच्चों को ई-कंटेंट उपलब्ध कराने के साथ-साथ नए कंटेंट तैयार कराया. इस ई-कंटेंट को दीक्षा पोर्टल डीजी साथ में अपलोड कराकर छात्र-छात्राओं तक पहुंचाया. खेल खेल में बच्चों को गणित पढ़ने का तरीका सिखाया. राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के लिए चयनित सभी शिक्षकों को पांच सितंबर को राष्ट्रपति सम्मानित करेंगे.

19.08.2021 11.19.47 REC

मनोज कुमार सिंह आदित्यपुर सहारा गार्डन इंद्रलोक अपार्टमेंट के रहने वाले हैं, जबकि मूल रूप से बिहार के गुरुआ थाना क्षेत्र के बिलौटी गांव के निवासी हैं. जब उन्हें राष्ट्रपति पुरस्कार मिलने का ऐलान हुआ तो वे भावुक हो गए. उन्होंने कहा कि काश आज उनके माता-पिता जिंदा होते. चार महीनों के अंतराल में ही मनोज सिंह ने अपने माता-पिता दोनों को खो दिया. पिता का नाम स्व. इंद्रेश सिंह, जबकि मां का नाम शांति देवी है. मनोज के अनुसार सबसे ज्यादा खुशी उनके माता-पिता को होती कि उनके बेटे को यह सम्मान मिला.

इसे भी पढ़े :-

गंगा नदी में बढ़ते जलस्तर से झारखण्ड के एकमात्र जिला साहिबगंज के बाढ़ के चपटे में है

मनोज की बतौर शिक्षक पहली पदस्थापना नक्सल प्रभावित बोड़ाम के जगमोहनपुर प्राथमिक विद्यालय में हुई. वहां पेड़ के नीचे पढ़ाई होती थी. नक्सलियों का आना-जाना लगा रहता था, लेकिन वे डिस्टर्ब नहीं करते थे. उसके बाद उनका तबादला पोटका के नाचोसाई मध्य विद्यालय में कर दिया गया. वहां पर वर्ष 2000 तक रहे और शिक्षण कार्य पूरा किया. उसके बाद उन्हें हिन्दुस्तान मित्रमंडल स्कूल में भेजा गया, जहां कक्षा एक से आठवीं तक की पढ़ाई होती है.
teacher 1 780x470 1

मनोज सिंह बताते हैं कि उनको अवार्ड मिलने के पीछे जो वास्तविक कारण है, वह उनकी पढ़ाने की प्रक्रिया है. नाचोसाई स्कूल में उन्होंने गणित को प्रायोगिक रूप में पढ़ाया. क्लासरूम के ब्लैक बोर्ड पर परिमाप और क्षेत्रफल बताने के बजाए वे छात्रों को लेकर खेत और मैदान में जाते थे. वहीं परिमाप और क्षेत्रफल का प्रश्न माप के आधार पर हल करते थे. साथ ही वे इस पूरी प्रक्रिया की मोबाइल से वीडियो रिकॉर्डिंग भी करवाते थे. इसका मकसद था कि बार-बार छात्रों को बाहर नहीं ले जाना पड़े. इस बीच मोबाइल में डाटा भरने लगा, तब किसी ने बताया कि आप यू-ट्यूब चैनल खोल दीजिए. वर्ष 2014 में क्रियेटिव लर्निंग विथ मनोज नामक चैनल शुरू किया. इसमें अभी 150 वीडियो और 1.18K सब्सक्राइबर हैं.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Share via