सिल्ली विधानसभा में बनेगा पहला सरकारी डिग्री महाविद्यालय, 60 करोड़ रुपये की लागत से होगा निर्माण
सिल्ली विधानसभा में बनेगा पहला सरकारी डिग्री महाविद्यालय, 60 करोड़ रुपये की लागत से होगा निर्माण
रांची, झारखंड: सिल्ली विधानसभा के राहे में जल्द ही क्षेत्र का पहला सरकारी डिग्री महाविद्यालय स्थापित होने जा रहा है। इस महत्वाकांक्षी परियोजना पर लगभग 60 करोड़ रुपये की लागत आएगी। यह महाविद्यालय स्थानीय छात्रों को उच्च शिक्षा के अवसर प्रदान करने और क्षेत्र में शैक्षिक विकास को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
परियोजना का महत्व
यह महाविद्यालय सिल्ली विधानसभा के लिए एक ऐतिहासिक कदम है, क्योंकि यह क्षेत्र का पहला सरकारी डिग्री कॉलेज होगा। इससे न केवल स्थानीय युवाओं को उच्च शिक्षा के लिए शहरों की ओर पलायन करने की आवश्यकता कम होगी, बल्कि क्षेत्र में रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। महाविद्यालय में कला, विज्ञान, और वाणिज्य जैसे प्रमुख विषयों के साथ-साथ आधुनिक तकनीकी और व्यावसायिक पाठ्यक्रम भी उपलब्ध होने की उम्मीद है।
संभावित सुविधाएँ
हालांकि महाविद्यालय का विस्तृत प्रारूप अभी सार्वजनिक नहीं किया गया है, लेकिन इस तरह के सरकारी संस्थानों में आम तौर पर निम्नलिखित सुविधाएँ शामिल होती हैं:
आधुनिक कक्षाएँ और प्रयोगशालाएँ: विज्ञान और प्रौद्योगिकी के लिए अत्याधुनिक लैब।
पुस्तकालय: नवीनतम पुस्तकों, पत्रिकाओं, और डिजिटल संसाधनों से सुसज्जित।
खेल सुविधाएँ: छात्रों के सर्वांगीण विकास के लिए खेल का मैदान और इनडोर गेम्स की सुविधा।
छात्रावास: दूरदराज के छात्रों के लिए आवासीय सुविधाएँ।
कैरियर काउंसलिंग और प्रशिक्षण केंद्र: रोजगारपरक कौशल विकास के लिए केंद्र।
नेताओं का योगदान
इस परियोजना के लिए माननीय पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास जी और CM हेमंत सोरेन जी का विशेष आभार व्यक्त किया गया है। क्योंकि एक नए आधारशिला रखी और CM हेमंत सोरेन के नेतृत्व में इस महाविद्यालय के निर्माण को संभव बनाया जा रहा है।
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
स्थानीय निवासियों और छात्रों ने इस घोषणा का स्वागत किया है। सिल्ली के एक छात्र ने कहा, “यह कॉलेज हमारे लिए एक सपने के सच होने जैसा है। अब हमें उच्च शिक्षा के लिए रांची या अन्य बड़े शहरों में नहीं जाना पड़ेगा।”
भविष्य की संभावनाएँ
यह महाविद्यालय न केवल शिक्षा के क्षेत्र में बल्कि सामाजिक और आर्थिक विकास में भी सिल्ली विधानसभा के लिए एक मील का पत्थर साबित होगा। इसके निर्माण से क्षेत्र में नई संभावनाएँ खुलेंगी और युवाओं को अपने सपनों को साकार करने का अवसर मिलेगा।






