झारखंड शराब घोटाला: बाबूलाल मरांडी का सीएम सोरेन को पत्र, CBI जांच की मांग तेज, झामुमो का पलटवार


झारखंड शराब घोटाला: बाबूलाल मरांडी का सीएम सोरेन को पत्र, CBI जांच की मांग तेज, झामुमो का पलटवार
रांची, 26 सितंबर – झारखंड में बहुचर्चित शराब घोटाले ने राजनीतिक तापमान को और चढ़ा दिया है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और विधानसभा में विपक्ष के नेता बाबूलाल मरांडी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को एक कड़ा पत्र लिखकर इस मामले की केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) से जांच कराने की मांग की है। मरांडी ने एंटी-करप्शन ब्यूरो (ACB) की जांच को ‘छलावा’ करार देते हुए आरोप लगाया कि यह जानबूझकर कमजोर की जा रही है, ताकि मुख्य आरोपी बच सकें।
घोटाले का काला अध्याय: सैकड़ों करोड़ का नुकसान
झारखंड स्टेट बेवरेज कॉर्पोरेशन लिमिटेड (JSBCL) से जुड़े इस घोटाले में सरकारी खजाने को करीब 100 करोड़ रुपये से अधिक का चूना लगने का दावा किया जा रहा है। मरांडी के पत्र के अनुसार, यह एक सुनियोजित साजिश है, जिसमें निलंबित आईएएस अधिकारी विनय कुमार चौबे, पूर्व आईएएस अमित प्रकाश, JSBCL के तत्कालीन महाप्रबंधक सुधीर कुमार दास, छत्तीसगढ़ के शराब कारोबारी सिद्धार्थ सिंघानिया, मुकेश मनचंदा, अतुल सिंह, नकली होलोग्राम सप्लायर विधू गुप्ता और मार्शन कंपनी के कर्मचारी नीरज कुमार जैसे बड़े नाम शामिल हैं। मरांडी ने दावा किया कि यह गिरोह न केवल अवैध वसूली कर रहा था, बल्कि पूरे तंत्र को अपनी उंगलियों पर नचा रहा था।

ACB की जांच पर सवाल: जमानतें और संदिग्ध तबादले
पत्र का सबसे कड़ा हिस्सा ACB की कार्यप्रणाली पर केंद्रित है। मरांडी ने आरोप लगाया कि ACB ने 90 दिनों की कानूनी समयसीमा में चार्जशीट दाखिल न करने के कारण सभी मुख्य आरोपी जमानत पर रिहा हो गए। उन्होंने इसे ‘सोची-समझी साजिश’ कहा और पूछा, “जांच एजेंसी ही समय पर चार्जशीट न दाखिल करे, तो न्याय की उम्मीद कैसे?”
इसके अलावा, ACB के शीर्ष नेतृत्व में हालिया बदलाव और उसी दिन पांच अधिकारियों के तबादले को मरांडी ने रहस्यमय बताया। उन्होंने तीन सीधे सवाल उठाए:
1. तबादला अधिकारियों की भूमिका: ये ACB से हटाए गए पांच या अधिक अधिकारी शराब घोटाले में क्या भूमिका निभा रहे थे और किसके इशारे पर काम कर रहे थे?
2. नियुक्ति और हटाने का कारण : इन्हें ACB में किसके कहने पर रखा गया और अब क्यों हटाया गया?
3. नई पोस्टिंग : ये अब कहां तैनात हैं और किसके हित में काम कर रहे हैं?

झामुमो का पलटवार: भाजपा के घोटालों पर सवाल
दूसरी ओर, झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने मरांडी के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए जोरदार जवाब दिया। पार्टी ने कहा कि मरांडी ‘झूठ का पुलिंदा बांधकर जनता को गुमराह’ कर रहे हैं और उनके पास कोई ठोस सुबूत नहीं है। झामुमो ने पलटकर पूछा कि भाजपा शासित राज्यों – मध्यप्रदेश, हरियाणा और छत्तीसगढ़ – में हुए ‘असली शराब घोटालों’ पर मरांडी ने कभी आवाज क्यों नहीं उठाई?
झामुमो प्रवक्ता ने कहा, “भाजपा की राजनीति यही है – सत्ता में रहें तो आरोपी ‘पवित्र’, विपक्ष में आकर ‘घोटालेबाज’। मरांडी अपने मुख्यमंत्री कार्यकाल के भ्रष्टाचार पर आईना देखें।” उन्होंने जोर देकर कहा कि सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ कटिबद्ध है, लेकिन जांच एजेंसियों को ‘रिमोट कंट्रोल’ से नहीं चलाती। यदि सुबूत हैं, तो सरकार को सौंपें – उचित कार्रवाई होगी। अंत में, मरांडी से ‘सस्ती नौटंकी छोड़कर माफी’ मांगने और भाजपा सरकारों के घोटालों पर चुप्पी तोड़ने की नसीहत दी।






