उग्रवादियों की हिटलिस्ट में हैं आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो, आजसू ने की उच्चस्तरीय जांच की मांग, सुरक्षा समीक्षा की उठाई आवाज
रांची: ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (आजसू) ने पूर्व उपमुख्यमंत्री और पार्टी प्रमुख सुदेश महतो के उग्रवादियों की हिटलिस्ट में होने की उच्चस्तरीय जांच कराने और उनकी सुरक्षा की नए सिरे से समीक्षा करने की मांग की है। पार्टी ने राज्य सरकार पर सुदेश महतो की सुरक्षा को लेकर गंभीर नहीं होने का आरोप लगाया है। साथ ही यह सवाल उठाया है कि बार-बार सुदेश महतो को निशाना बनाने की साजिश के पीछे के कारणों का खुलासा क्यों नहीं हो रहा है।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!पार्टी के केंद्रीय उपाध्यक्ष प्रवीण प्रभाकर और हसन अंसारी ने रांची में प्रेस वार्ता में कहा कि उग्रवादियों द्वारा सुदेश महतो की हत्या की साजिश की जानकारी बार-बार सामने आ रही है, लेकिन पुलिस इसकी वजहों का खुलासा करने में नाकाम रही है। उन्होंने घोषणा की कि पार्टी जल्द ही राज्य के मुख्य सचिव, गृह सचिव और डीजीपी से मिलकर इस संबंध में ज्ञापन सौंपेगी। प्रेस वार्ता में मीडिया संयोजक परवाज खान भी मौजूद थे।
प्रवीण प्रभाकर ने बताया कि हाल ही में गुमला जिले के कामडारा थाना क्षेत्र में पुलिस मुठभेड़ में मारे गए पीएलएफआई कमांडर मार्टिन केरकेट्टा ने भी सुदेश महतो को अपनी हिटलिस्ट में शामिल किया था। उसने 25 जनवरी 2023 को अनगड़ा थाना क्षेत्र में बैठक कर सुदेश महतो की हत्या की योजना बनाई थी, जिसका खुलासा पुलिस छापामारी में पकड़े गए उग्रवादियों ने किया था।
हसन अंसारी ने कहा कि इससे पहले एक राजनेता द्वारा सुदेश महतो की हत्या के लिए उग्रवादियों को 5 करोड़ रुपये की सुपारी देने की बात सामने आ चुकी है। उन्होंने मांग की कि इस साजिश के पीछे के असली कारण और मास्टरमाइंड का खुलासा किया जाए।
प्रभाकर ने बताया कि 2005 में सिल्ली से पोगड़ा जाने वाले रास्ते में केन बम लगाने की साजिश रची गई थी। 2013 में पीएलएफआई कमांडर जीदन गुड़िया ने एक राजनेता से 5 करोड़ रुपये की सुपारी लेकर सुदेश महतो की हत्या की योजना बनाई थी। इसके तहत 27-28 जनवरी 2014 को सिल्ली प्रतिभा महोत्सव में टाइम बम लगाने का प्रयास किया गया, जो विफल रहा। इसके बाद 26 फरवरी 2014 को जोन्हा में एक विवाह समारोह में हमले की साजिश भी पुलिस और ग्रामीणों की सतर्कता से नाकाम हो गई। इतना ही नहीं, एक उग्रवादी देव सिंह मुंडा को साजिश के तहत आजसू में शामिल करवाया गया था।
आजसू नेताओं ने बताया कि 2014 में पीएलएफआई ने पार्टी के केंद्रीय महासचिव स्वर्गीय तिलेश्वर साहु की हजारीबाग जिले के बरही में हत्या कर दी थी। उन्होंने मांग की कि पूर्व मंत्री और पार्टी के प्रधान महासचिव रामचंद्र सहिस की सुरक्षा, जिसे हाल ही में वापस लिया गया है, तत्काल बहाल की जाए।
आजसू ने राज्य सरकार से मांग की है कि सुदेश महतो को उग्रवादियों की हिटलिस्ट में शामिल करने की साजिशों की उच्चस्तरीय जांच कराई जाए और उनकी सुरक्षा व्यवस्था की नए सिरे से समीक्षा की जाए। पार्टी ने चेतावनी दी कि अगर सरकार इस मामले में गंभीरता नहीं दिखाती, तो वे आगे की रणनीति पर विचार करेंगे।





