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सरकार की उदासीनता और अधिकारियों की बेरुखी से अन्नू कुमारी की प्रतिभा पर संकट, किसे ठहराएं जिम्मेदार?

झारखंड को प्रतिभाओं का धनी राज्य कहा जाता है, जहां महेंद्र सिंह धोनी जैसे धुरंधरों ने देश का नाम रोशन किया है। लेकिन व्यवस्थाओं और संसाधनों की कमी के कारण यहां के खिलाड़ी अपनी प्रतिभा से दूर होते जा रहे हैं। सरकार की उदासीनता और अधिकारियों की बेरुखी का खामियाजा 18 वर्षीय अन्नू कुमारी जैसी होनहार खिलाड़ी को भुगतना पड़ रहा है, जो लेजर रन खेल में अपनी पहचान बना चुकी हैं।

बलियापुर के मोदीडीह गांव की रहने वाली अन्नू कुमारी ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई मेडल जीते हैं। उन्होंने चीन में आयोजित एक प्रतियोगिता में कांस्य पदक हासिल कर देश का गौरव बढ़ाया। लेकिन गरीबी और संसाधनों की कमी उनके सपनों के आड़े आ रही है। अन्नू की मांग है कि उन्हें अभ्यास के लिए लेजर गन मुहैया कराई जाए, लेकिन खेल मंत्रालय से लेकर अधिकारियों तक, उनकी गुहार अनसुनी रह गई है।

अन्नू अब रांची की एक गैर-सरकारी खेल अकादमी में अभ्यास कर रही हैं। उनकी मां लक्ष्मी देवी, जो एक गृहिणी हैं, बताती हैं कि झारखंड सरकार ने मदद का आश्वासन दिया था, लेकिन यह केवल वादों तक सीमित रह गया। अन्नू के पिता पुणे में दर्जी का काम करते हैं और परिवार की माली हालत बेहद खराब है। उत्तराखंड में आयोजित एक खेल आयोजन में अन्नू ने तीन लाख रुपये का पुरस्कार जीता था, जो अब खर्च हो चुका है। पैसे की कमी के कारण उनका अभ्यास मुश्किल से हो पा रहा है।

सिंदरी के विधायक चंद्रदेव महतो ने अन्नू की मदद का भरोसा दिलाया है। उन्होंने कहा, “संबंधित विभाग से बात कर अन्नू के लिए लेजर गन की व्यवस्था कराई जाएगी।” लेकिन सवाल यह है कि आश्वासनों का सिलसिला कब तक चलेगा?

अन्नू कुमारी का कहना है कि मैं देश के लिए खेलना चाहती हूं, अपने गांव और देश का नाम रोशन करना चाहती हूं। लेकिन लेजर गन के बिना अभ्यास मुश्किल है। मैंने कई बार मदद की गुहार लगाई, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही। वहीं अन्नू की मां लक्ष्मी देवी ने बताया कि सरकार ने मदद का वादा किया था, लेकिन कुछ नहीं हुआ। हमारी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है, फिर भी अन्नू अपने सपनों के लिए संघर्ष कर रही है।

बहरहाल, अन्नू कुमारी देश के लिए खेलकर अपने गांव और देश का नाम रोशन करना चाहती हैं। लेकिन सरकार और अधिकारियों की उदासीनता के कारण उनकी प्रतिभा दम तोड़ती दिख रही है। जरूरत है कि झारखंड सरकार खिलाड़ियों के प्रति सजग हो, ताकि दर्जी की बेटी अन्नू जैसे खिलाड़ी अपने सपनों को साकार कर सकें और देश का गौरव बढ़ा सकें।

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