Basukinath

सावन के अंतिम सोमवारी में बासुकीनाथ ( basukinath) में उमड़ा भक्तो का जनसैलाब

basukinath

विजय दत्त पिंटू  

आज श्रावणी माह की चौथी और अंतिम सोमवारी है ।आस्था का समुद्र उमड़ पड़ा है। झारखण्ड के शिवनगरी में चारो और कावड़ियों से पट चूका है। सावन के इस पवित्र माह में शिवभक्त श्रद्धालु देवाधिदेव महादेव को खुश करने के सोमवार को बड़ी सिद्द्त से पूजार्चना कर मनोवांक्षित फल की प्राप्ति करते है। सोमवार के इस पवित्र दिन में महिलाएं शिवरूपी पति पाने के उपवास रखकर भगवान शिव की पूजा अर्चना करती है। सावन के सोमवार का व्रत करने से भोलेनाथ और माता पार्वती की कृपा व्रत‍ियों और उनके पर‍िवार के सदस्‍यों पर बनी रहती है। साथ ही जीवन में सुख-समृद्धि का भी वास होता है। यही वजह है क‍ि सनातन धर्म में सावन के महीने का विशेष महत्व बताया गया है।

मान्यता है कि भगवान शंकर की आराधना के लिए सावन मास सर्वश्रेष्ठ है।कहा जाता हैं श्रावण भगवान शिव का अति प्रिय महीना होता हैं. मान्यता यह हैं कि माता पार्वती ने भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए पुरे श्रावण महीने में कठोरतप किया, जिससे प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उनकी मनोकामना पूरी की. अपनी भार्या से पुनः मिलाप के कारण भगवान् शिव को श्रावण का यह महीना अत्यंत प्रिय हैं. यही कारण हैं कि इस महीने कुमारी कन्या अच्छे वर के लिए शिव जी से प्रार्थना करती हैं. कहा यह भी जाता है कि श्रावण के महीने में भगवान शिव ने धरती पर आकार अपने ससुराल में विचरण किया था, जहाँ अभिषेक कर उनका स्वागत हुआ था इसलिए इस माह में जला अभिषेक का महत्व बताया गया हैं. इस बार की श्रावणी माह में झारखण्ड के देवघर और बासुकीनाथ धाम में जलार्पण करने वाले कावड़ियों की भीड़ उम्मीद ज्यादा है।

पैदल कावड़ियों के साथ डाक कावड़िया भी जलार्पण करने बासुकीनाथ धाम पहुचें है ।खाश कर सोमवार का दिन कावड़ियों के लिए विशेष महत्व रखता है।इसलिए शिव भक्त श्रद्धालु बिहार के सुल्तानगंज से कावड़ में गंगाजल लेकर105 किमी पैदल चलकर देवघर फिर फौजदारी बाबा बासुकीनाथ में जलार्पण करने पहुँच रहे है।
इसके अलावे स्थानीय शिवभक्त श्रद्धालु भी इस पवित्र माह में अपने मनवांक्षित फल की प्राप्ति हेतु जलार्पण करने बासुकीनाथ धाम पहुचें है । झारखण्ड बिहार के अलावे देश और विदेश से पहुंचते है श्रद्धालु
श्रावणी के पवित्र माह में श्रद्धालु कावड़ लेकर बिहार के सुल्तानगंज घाट से गंगाजल कावड़ में लेकर 105 किमी पैदल झारखंड के देवघर के बाबा वैधनाथ धाम फिर फौजदारी बाबा बासुकीनाथ धाम पहुँचते है।यहां झारखंड बिहार के अलावा प बंगाल,भूटान,उड़ीसा,यूपी,मध्यप्रदेश, सिक्किम,असम और नेपाल सहित देश और विदेश के लाखों श्रद्धालु जलाभिषेक करने पूरे सावन माह दोनों तीर्थ धाम पहुचंते है।

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