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Bihar News:-बेटी के दिल में छेद थी तो पिता ने कर दी हत्या , पहले भी की थी मरने की कोशिस लेकिन बच गई , प्लास्टिक के डब्बे में छुपाया था शव

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प्रेरणा चौरसिया

Drishti  Now  Ranchi

पटना में एक पिता ने ढाई महीने की बच्ची की हत्या सिर्फ इसलिए कर दी क्योंकि वो उसका इलाज करवाकर परेशान हो गया था। जन्म से ही अंशी के दिल में छेद था। 27 अप्रैल को उसका शव किचन में प्लास्टिक के डिब्बे से मिला था। 26 अप्रैल को पिता ने ही बच्ची की हत्या की थी। हत्या के बाद किचन में डालडे के डिब्बे में शव को छिपा दिया था।

मां जब बच्ची के बारे में पूछने लगी तो वो भी उसको ढूंढने का नाटक करने लगा। 27 अप्रैल को पुलिस को किचन में रखे डिब्बे के अंदर से बच्ची की लाश मिली थी। उसने वारदात के एक हफ्ते पहले भी बेटी को मारने की कोशिश की थी, लेकिन वो बच गई थी। पुलिस की 8 घंटे की पूछताछ में पिता ने शुक्रवार को ये पूरी कहानी बताई है। मामला कदमकुआं थाना क्षेत्र के काजीपुर का है।

पिता ने पुलिस को क्या बताया

भरत कुमार ने पुलिस को बताया कि वो यारपुर इलाके में अंडे बेचता है। वहीं किराए के घर में रहता है। उसका एक बेटा भी है। ढाई महीने पहले उसने घर एक बेटी आई। उसका नाम अंशी रखा। उसकी तबीयत अक्सर खराब रहती थी। डॉक्टर को दिखाया तो पता चला कि उसके दिल में छेद है। हमने घर के गहने बेच-बेचकर उसका इलाज कराया। करीब 2 लाख से ज्यादा खर्च कर दिए, लेकिन तबीयत में कोई सुधार नहीं हुआ।

मैं इलाज करवाकर कंगाल हो गया था, इसलिए मैंने उसे मार डाला।- बच्ची का पिता

मेरे पास उसका इलाज करने के लिए पर्याप्त था। वह अब बेसहारा हो गया था। अंडे की गाड़ी उसके लिए बहुत पैसा नहीं लाई। बेटे को भी पढ़ाना जरूरी था। 26 अप्रैल की रात के दौरान। इसलिए पत्नी आधी रात को टॉयलेट इस्तेमाल करने के लिए उठ गई। मैं सो नहीं सका। मैंने अपनी बेटी की हत्या के लिए एक योजना तैयार की। उसका गला घोंटने के बाद मैं उसे दूसरे कमरे में ले गया। घर में बने फंदे से उसने फांसी लगा ली। कुछ समय बाद, वह गुजर गई।

उसके बाद मैंने रसोई में उसकी लाश को छुपाने के लिए डालदे का डब्बा रख दिया। थोड़ी देर बाद मेरी पत्नी आ गई और अंशी के बारे में पूछने लगी। मेरी पत्नी ने मुझे पुलिस बुलाने के लिए मजबूर किया, तो मैंने किया। मैंने अंशी के लापता होने का मुद्दा उठाया। मेरे पास करने के लिए और कुछ नहीं था। नतीजतन, वह मारा गया था। मेरा बेटा यहाँ है। विश्वास था कि वह केवल शिक्षित होगा। हत्या मेरी पत्नी काजल के लिए अज्ञात थी।

इसके पहले भी की थी हत्या की कोशिश

भरत कुमार ने बताया कि मैंने 7 दिन पहले भी बच्ची को मारने की कोशिश की थी, लेकिन वो बच गई। उसने अंशी को मारने के लिए उसकी नाक में फेवी क्वीक डाल दिया था, लेकिन उससे उसे सिर्फ इंफेक्शन हुआ था। वो मरी नहीं। मेरा प्लान फेल हो गया था। मैं फिर से उसे मारने का प्लान बनाने लगा।

पिता ने बाकी किराएदारों पर जताया था हत्या का शक

जिस बिल्डिंग में भरत कुमार रहता है वहां 15 और परिवार रहते हैं। डालडे के डिब्बे में बच्ची की लाश मिलने के बाद भरत ने पुलिस को गुमराह किया। उसने बताया कि किसी किराएदार ने बच्ची की हत्या कर दी होगी। कदम कुआं थाना प्रभारी बिलेन्दु कुमार ने बताया कि ढाई माह की मासूम बच्ची की हत्या उसके पिता भरत कुमार ने की थी।

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