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ED:-चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम पर चलेगा मुकदमा ,आरोप पत्र पर ईडी कोर्ट ने लिया संज्ञान, 12 मई को आरोपियों को उपस्थित होने का आदेश

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प्रेरणा चौरसिया

Drishti  Now  Ranchi

ग्रामीण विकास विभाग के मुख्य अभियंता वीरेंद्र राम पर अब मुकदमा चलेगा। उस पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है। उनके खिलाफ जो चार्जशीट लाई गई थी, उसे ईडी ने स्वीकार किया था। मनी लॉन्ड्रिंग मामले में चार प्रतिवादियों के लिए मुकदमा अब शुरू होगा। इसी तरह, इस मामले में सभी प्रतिवादियों के लिए 12 मई की अदालत में उपस्थिति की तिथि निर्धारित की गई है। वीरेंद्र राम, उनके भाई आलोक रंजन, पत्नी राजकुमारी देवी और पिता गेंदा राम के खिलाफ चार्जशीट 21 अप्रैल को ईडी कोर्ट में पेश की गई थी. चार्जशीट ईडी के विशेष जज पीके शर्मा की कोर्ट में पेश की गई है.

22 फ़रवरी को किया था ईडी ने  गिरफ्तार 

ईडी ने 22 फरवरी को आय से अधिक संपत्ति के मामले में ग्रामीण विकास विभाग के मुख्य अभियंता वीरेंद्र राम को हिरासत में लिया था. 21 फरवरी को अधिकारियों ने ग्रामीण विकास विभाग के मुख्य अभियंता वीरेंद्र राम के 24 अलग-अलग ठिकानों की तलाशी ली. इस दौरान बिरेंद्र राम द्वारा स्थापित व्यवसायों के अलावा, 100 करोड़ रुपये की संपत्ति पाई गई। जेवरात की कीमत रु. 1.50 करोड़ और लगभग रु। छापेमारी के दौरान 30 लाख रुपये नकद बरामद किये गये।

100 करोड़ से अधिक की संपत्ति
ईडी ने छापेमारी के दौरान पाया कि दिल्ली सहित अन्य जगहों पर बीरेंद्र राम ने अपने पारिवारिक सदस्यों के नाम पर 100 करोड़ रुपये की चल-अचल संपत्ति अर्जित की है। दिल्ली की डिफेंस कॉलोनी में बीरेंद्र राम के पारिवारिक सदस्यों के नाम पर तीन आलीशान मकान हैं, जिनका मौजूदा बाजार मूल्य 40 करोड़ रुपये है। इसके अलावा दिल्ली के छतरपुर में भी उसने अपने पारिवारिक सदस्यों के नाम पर मकान और फ्लैट अर्जित किया है।
ईडी ने अटैच की वीरेंद्र राम की संपत्ति
ईडी ने छापेमारी के बाद अप्रैल के दूसरे सप्ताह में वीरेंद्र राम की संपत्ति अटैच की है। कुल 39 करोड़ 28 लाख रुपये की चल और अचल संपत्ति अटैच की। इसमें फार्महाउस, फ्लैट, डुप्लेक्स बंगला, दिल्ली, जमशेदपुर और रांची में जमीन और करीब 36 लाख रुपये के सामूहिक बैलेंस वाले तीन बैंक खाते शामिल हैं।
कौन है विरेंद्र राम
विरेंद्र राम मूल रूप से जल संसाधन विभाग के इंजीनियर हैं। मार्च में उन्हें ग्रामीण सड़कों के निर्माण की जिम्मेवारी देते हुए ग्रामीण कार्य विभाग का मुख्य अभियंता बनाया गया। उन्हें सड़क बनाने का कोई अनुभव नहीं था, पर उन्हें चीफ इंजीनियर ही बना दिया गया। साल भर से ज्यादा समय से वह इस पद पर भी हैं।

 

 

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