बोकारो : अखबार बेचकर बेटा को पढ़ाया और बनाया क्लास वन ऑफिसर, यूपीएससी में पाई सफलता
बोकारो में अखबार बेचकर बेटा को पढ़ाया और बनाया क्लास वन ऑफिसर, यूपीएससी में पाई सफलता। पिता ने अखबार बेचकर बेटा को पढ़ाया। बिना कोचिंग के ही ऑनलाइन पढ़कर बेटा ने रचा इतिहास। सफलता में आर्थिक तंगी भी नही आया आड़े।
बताते चले की संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) परीक्षा 2024 का नतीजा आज मंगलवार को जारी किया गया। नतीजों में बोकारो जिले के चास प्रखंड स्थित तियाड़ा गांव के राजकुमार महतो ने अल इंडिया रैंकिंग में 557वीं रैंक हासिल किया। राजकुमार महतो की इस सफलता ने कई आदर्श स्थापित किया क्योंकि ये सफलता संघर्ष भरी सफलता है जहां घर की माली हालत ठीक नहीं रहने के बाद भी सफलता पाई है। पिता अखबार बेचने का काम करता है लेकिन पुत्र की जिद थी की वो सिविल सर्विस की परीक्षा में हर हाल में सफलता हासिल करेगा जिसके लिए कड़ी मेहनत किया। बिना कोचिंग के ही उन्होंने ये सफलता पाई है। केवल ऑनलाइन क्लास के जरिए ही सफलता प्राप्त किया। घर की माली हालत ठीक नहीं रहने के चलते मोटी रकम नहीं दे पाया था जिसके चलते कोचिंग क्लास ज्वाइन नही कर पाया था। लेकिन कहते है न की जिद के साथ ईमानदारी से लक्ष्य को साधा जाय तो सफलता जरूर मिलती है और हुआ भी ऐसा जब कठिन परिश्रम के बाद तीसरे अटेम्प्ट में ये सफलता पाई।
राजकुमार महतो एक साधारण परिवार से आते है जिनकी माली हालत वैसी नहीं है। उनके पिता रामपद महतो कभी दर्जी का काम करते थे, लेकिन आर्थिक तंगी के कारण बाद में उन्होंने अखबार बेचने का कार्य शुरू किया। तमाम कठिनाइयों के बावजूद बेटे की पढ़ने की ललक को देखते हुए उन्होंने अपने बेटे को पढ़ाने का सपना नहीं छोड़ा और अखिकार सफलता का झंडा गाड़ ही दिया। राजकुमार की इस सफलता से पिता फुले नहीं समा रहे है क्योंकि चास प्रखंड के एक गांव देहात का लड़का यूपीएससी में सफलता पाया है।
राजकुमार ने अपनी क्लास वन से लेकर प्लस टू तक की पढ़ाई चास स्थित जीजीपीएस स्कूल से की। इसके बाद दिल्ली विश्वविद्यालय के रामजस कॉलेज से स्नातक और इग्नू से एमए की पढ़ाई पूरी की। सिविल सेवा में जाने का सपना उन्होंने शुरू से देखा था। परिवार चास में ही रहता है और पिता अखबार बेचकर घर की गाड़ी को खींचता है और मां गृहणी है।
यूपीएससी की यह उनकी तीसरी कोशिश थी। दूसरी बार वे इंटरव्यू तक पहुंचे थे, लेकिन इस बार उन्होंने संजय वर्मा साक्षात्कार बोर्ड के तहत इंटरव्यू देकर 557वीं रैंक हासिल की।
राजकुमार अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता रामपद महतो और राधिका देवी के अलावा अपनी बड़ी बहनों अंजली और रेणु तथा अपने शिक्षकों को देते हैं।
राजकुमार महतो की यह उपलब्धि उनके गांव तियाड़ा, बोकारो जिले और राज्य के सभी युवाओं के लिए एक उदाहरण के साथ साथ प्रेरणा श्रोत है। अगर दृढ़ इच्छाशक्ति और मजबूत इरादा के साथ साथ कड़ी मेहनत हो तो सपना साकार होने में देर नहीं लगती है।