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Budget Satr 2023:-विपक्ष के विरोध और हंगामे के बीच 1,16,418 करोड़ का बजट पारित

Budget Satr 2023

प्रेरणा चौरसिया

Drishti  Now  Ranchi

वित्तीय वर्ष 2023-2024 के लिए राज्य सरकार का आम बजट, कुल रु। 1,16,048,018 करोड़, अनुदान के लिए कैबिनेट समन्वय विभाग के अनुरोध पर चर्चा के बाद पारित किया गया था। संसदीय मामलों के मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि अनुदान की मांग पर चर्चा के जवाब में सरकार ने सदस्यों के सभी सुझावों पर विचार किया है। साथ ही उन मुद्दों के समाधान के लिए ईमानदारी से प्रयास करेंगे। साथ ही उन्होंने विपक्ष को भी घेरा। उनके अनुसार, इस सदन ने 27% ओबीसी आरक्षण के साथ 1932 की खतियान-आधारित स्थानीय नीति सरना धर्म संहिता पारित की। लेकिन विपक्ष ने कभी इन विधेयकों को मंजूरी दिलाने के लिए केंद्र सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश नहीं की। कानून व्यवस्था और साइबर अपराध पर उन्होंने दावा किया कि कड़े कदम उठाए गए हैं।

गरीबों के लिए कई योजनाएं शुरू की गई हैं। हालांकि, उन्होंने निराशा व्यक्त की कि सदन में जो नहीं होना चाहिए वह भी हो रहा है। व्यापार से संबंधित हो तो बेहतर रहेगा। क्योंकि इतिहास हमें माफ नहीं करेगा। लोकतंत्र के जीवित रहने और राज्य की प्रतिष्ठा में सुधार के लिए विपक्ष को सहयोग करना चाहिए। कटौती प्रस्ताव पर अपनी राय देने वाले अन्य विधायकों में कोचे मुंडा, प्रदीप यादव, लंबोदर महतो, विनोद सिंह, अमित यादव, समीर मोहंती और लंबोदर यादव शामिल थे।

सरकार के सवा तीन साल का कार्यकाल केवल लूट और भ्रष्टाचार का रहा : सीपी

इससे पहले, सीपी सिंह ने कहा कि यह पहली बार था जब उन्हें भरोसेमंद, जानकार और आधिकारिक स्पीकर की अध्यक्षता में कटौती प्रस्ताव देने का मौका मिला था। यह आरोप लगाया गया कि सरकार के साढ़े तीन साल के कार्यकाल में पूरी तरह से चोरी, हत्या और आधिकारिक भ्रष्टाचार शामिल है। पुलिस लूट ही करती है। यह पीक कमीशनिंग सीजन है। यह नीचे से ऊपर की ओर गति करता है।

ग्रामीण सड़कों पर ट्रांसपोर्टिंग कार्य का विधायक अंबा ने सदन में किया विरोध

कांग्रेस विधायक अंबा प्रसाद ने बुधवार को विधानसभा के बजट सत्र के दौरान ग्रामीण सड़कों पर कोयले की ढुलाई का मुद्दा उठाया। उन्होंने विधानसभा के जवाब से निराशा व्यक्त करने के बाद संबंधित दस्तावेज को सदन के अंदर वेल में ले जाकर विरोध किया। विभाग के मुताबिक, वे परिवहन के लिए एनओसी नहीं देते हैं, लेकिन अंबा ने कहा, “मेरे पास प्रमाण पत्र है।” स्पीकर ने कहा- अब गाड़ी चलाने के लिए क्या विधायक की एनओसी की जरूरत होगी?

बजट में ग्रामीणों की आय बढ़ाने के लिए 17086 करोड़ का प्रावधान : डॉ. उरांव

वित्त मंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव ने विधायक प्रदीप यादव के सवाल के जवाब में बताया कि झारखंड में प्रति व्यक्ति आय जितनी बढ़नी चाहिए, नहीं बढ़ी । राज्य में प्रति व्यक्ति आय 86,060 रुपए है। उन्होंने कहा कि सुखाड़ के कारण झारखंड में किसानों की आय घटी है। प्रदीप यादव ने कहा कि किसानों की आय 2000 रुपए प्रतिमाह घटी है। जब राज्य अलग हुआ था, उस समय भी झारखंड 26वें स्थान पर था और आज भी 26वें स्थान पर है। उन्होंने सरकार से गरीबी के आकलन के लिए झारखंड में एक आयोग बनाने की मांग की। कृषि, ग्रामीण कार्य व ग्रामीण विकास के लिए बजट में क्रमश: 4627 करोड़, 4293 करोड़ और 8166 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है।

पंचायत समिति सदस्यों के मानदेय बढ़ाने पर निर्णय जल्द : आलमगीर

आलमगीर आलम ने सदन में कहा कि सरकार पंचायत समिति सदस्यों के मानदेय में वृद्धि करेगी। इसके लिए दूसरे राज्यों की नियमावली मंगाकर देखा जाएगा। बहुत जल्द सरकार उचित निर्णय लेगी। बकाया मानदेय भी दिया जाएगा। विधायक भानु प्रताप शाही ने पंचायत समिति सदस्यों के सात माह से बकाया मानदेय का भुगतान और साथ ही मानदेय में वृद्धि करने की मांग की थी।

बांग्लादेशी घुसपैठियों को रोकने के लिए राज्य में एनआरसी लागू हो : अनंत

राजमहल विधायक अनंत ओझा ने बुधवार को विधानसभा में शून्यकाल के माध्यम से राज्य में बांग्लादेशी घुसपैठ रोकने के लिए राज्य में एनआरसी लागू करने की मांग की। कहा कि बांग्लादेशी घुसपैठियों से संथालपरगना की डेमोग्राफी बदल रही है। साहेबगंज, पाकुड़, गोड्‌डा, दुमका तथा जामताड़ा में आदिवासी और हिंदुओं की संख्या घट रही है। जबकि मुसलमानों की बढ़ रही है। एनआरसी लागू करने के लिए राज्य सरकार पहल करे। राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में बांग्लादेश के नौजवान शामिल हो रहे हैं। यहां के लोगों का रोजगार छिन रहा है।

विधायक ने सदन में की मांग, बड़कागांव में खोला जाए महिला डिग्री महाविद्यालय

विधायक अंबा प्रसाद ने बड़कागांव में महिला डिग्री महाविद्यालय खोलने की मांग विधानसभा में की। सदन का ध्यान आकृष्ट कराते हुए कहा कि हजारीबाग जिले में एकमात्र महिला डिग्री महाविद्यालय जिला मुख्यालय में है। अंबा प्रसाद ने कहा कि बड़कागांव व केरेडारी प्रखंड में एक बड़ी आबादी निवास करती है, परंतु उस क्षेत्र में एक भी महिला डिग्री महाविद्यालय नहीं है। जिसके कारण अति सुदूरवर्ती क्षेत्रों में निवास करने वाली छात्राएं उच्च शिक्षा ग्रहण करने में सक्षम नहीं हो पाती हैं। इंटर के बाद उनकी पढ़ाई छूट जाती है ।

 

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