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“नक्सल मुक्त भारत” अभियान की ओर बढ़ता छत्तीसगढ़, क्या 2026 में छत्तीसगढ़ से नक्सल समाप्त हो जाएगा ?

छत्तीसगढ़ के बीजापुर में 22 नक्सलियों का एनकाउंटर के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सेना के जवानों को बधाई दी और दोहराया की 2026 तक पूरा भारत नक्सल मुक्त हो जाएगा ।  छत्तीसगढ़ और झारखंड अगर नक्सल मुक्त हो जाता है तो एक तरह से इंडिया की 60 फीसदी नक्सलवाद खत्म हो जाएगी  आई आज हम जानते है की छत्तीसगढ़ कैसे नक्सलवाद के खात्मे की ओर बढ़ रहा है

छत्तीसगढ़ में नक्सल विरोधी अभियान पिछले कुछ वर्षों से तेजी से चल रहा है, विशेष रूप से 2023 में बीजेपी सरकार के सत्ता में आने के बाद यह और तेज हुआ है। बताया जाता है की अभियान केंद्र सरकार के “नक्सल मुक्त भारत” लक्ष्य का हिस्सा है, जिसके तहत केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मार्च 2026 तक नक्सलवाद को पूरी तरह समाप्त करने का संकल्प लिया है।

हाल की प्रगति
एक आंकड़े के मुताबिक 2024 में पूरे साल के दौरान छत्तीसगढ़ में विभिन्न मुठभेड़ों में 219 नक्सली मारे गए। 2025 में (जनवरी-मार्च): इस साल अब तक, विशेष रूप से 20 मार्च 2025 तक, 100 से अधिक नक्सली मारे जा चुके हैं।
जनवरी में 28 नक्सली ढेर हुए, जिसमें गरियाबंद और बीजापुर जैसे क्षेत्रों में बड़ी कार्रवाइयाँ शामिल थीं।फरवरी में 31 नक्सली बीजापुर में एक बड़े ऑपरेशन में मारे गए। 20 मार्च 2025 को ही बीजापुर-दंतेवाड़ा सीमा पर 26 और कांकेर में 4 नक्सली मारे गए, जिससे कुल 30 की संख्या हुई।

अभियान की रणनीति

सुरक्षा बलों का समन्वय:  छत्तीसगढ़ में जिला रिजर्व गार्ड (DRG), केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF), विशेष कार्य बल (STF), और सीमा सुरक्षा बल (BSF) जैसे बलों की संयुक्त टीमें जंगलों में गहन तलाशी अभियान चला रही हैं।

नई नीतियाँ: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में “आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति – 2025” लागू की गई, जिसके तहत कई नक्सली हिंसा छोड़कर मुख्यधारा में लौट रहे हैं। उदाहरण के लिए, मार्च 2025 में नारायणपुर में 11 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया।

कैंप स्थापना: नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा बलों के कैंप बढ़ाए जा रहे हैं। पिछले पांच वर्षों में बस्तर क्षेत्र में 289 नए कैंप बनाए गए हैं, जिससे नक्सलियों का दायरा सीमित हो गया है।

खुफिया जानकारी: सटीक खुफिया जानकारी के आधार पर ऑपरेशन किए जा रहे हैं, जैसे कि बीजापुर और कांकेर में हाल की मुठभेड़ें।

लेकिन फिर भी अभी कई चुनौतियाँ नक्सलवाद के पूरी तरह खात्मे के सामने है

नक्सली अब IED (इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) और स्पाइक ट्रैप जैसे हथियारों का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिससे सुरक्षाकर्मियों को नुकसान हो रहा है। उदाहरण के लिए, फरवरी 2025 में बीजापुर में  आईईडी ब्लास्ट में 2 जवान शहीद हुए।

कुछ इलाकों में नक्सलियों का अर्बन नेटवर्क बढ़ रहा है, जिसे नियंत्रित करना एक नई चुनौती है।

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