बूढ़ा पहाड़ के विकास के लिए ब्लू प्रिंट तैयार, 6 माह में विकसित होगा : CM
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Prerna Chourasia
Drishti Now Ranchi
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन शुक्रवार को नक्सलियों के गढ़ रहे बूढ़ा पहाड़ पर पहुंचे। वे यहां पहुंचने वाले पहले मुख्यमंत्री हैं। यहां उन्हाेंने ग्रामीणाें से मिलकर उनका हाल जाना। अफसरों काे समस्या दूर करने का निर्देश दिया। हेमंत ने शहीद नीलांबर पीतांबर के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर 100 करोड़ के बूढ़ा पहाड़ डेवलपमेंट प्रोजेक्ट (बीपीडीपी) की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि टेहरी पंचायत के बूढ़ा पहाड़ राज्य का सबसे विकसित गांव होगा। लोगों की समस्याओं का समाधान होगा। बूढ़ा पहाड़ के विकास के लिए ब्लू प्रिंट तैयार हो गया है। छह महीने में बूढ़ा पहाड़ का इलाका विकसित नजर आएगा।
इस मौके पर बूढ़ा पहाड़ के ग्रामीण विजय यादव ने कहा कि माओवदी नेता सुधाकरण के बूढ़ा पहाड़ पर होने पर लोगों को आसपास जाने की अनुमति नहीं दी जाती थी। वह कड़े सुरक्षा घेरे में रहता था। सुधाकरण के पहाड़ पर होने के बाद वहां कई और नक्सली आते थे। बैठकों का दौर चलता था। जंगल में जगह-जगह संतरी तैनात रहते थे। पहले नक्सली और पुलिस की बमबाजी और गाेलीबारी के डर से ग्रामीण घर में दुबके रहते थे। लेकिन अब हालात बदल रहे हैं।
टेहरी पंचायत में 5.2 कराेड़ रुपए से 175 याेजनाओं की शुरुआत
मुख्यमंत्री ने टेहरी पंचायत की 5 करोड़ 2 लाख 79 हजार 939 रुपए की 175 योजनाओं का शुभारंभ किया। कुल 429 लाभुकों के बीच 1 करोड 25 लाख 81 हजार 303 रुपये की परिसम्पत्तियों का वितरण भी किया। जिसमें मिनी ट्रैक्टर, पम्पसेट, बर्मी बेड, बीज, कृषि उपकरण किट, खाद्यान्न राशन किट, सामुदायिक निवेश निधि, फुटबॉल किट आदि शामिल हैं। इसी कार्यक्रम के दौरान सरकार की विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाएं जैसे मुख्यमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम, सावित्रीबाई फूले किशोरी समृद्धि योजना, मुख्यमंत्री पशुधन योजना सर्वजन पेंशन योजना, मिशन वात्सल्य, ग्रीन राशन कार्ड, इत्यादि योजनाओं के लाभुकों को स्वीकृति पत्रों का वितरण भी किया गया।
बारूदी सुरंग की आशंका से सीआरपीएफ ने वाहनों का मार्ग बदलने का निर्देश दिया
सीएम के बूढ़ा पहाड़़ पर आयोजित कार्यक्रम में भाग लेने गढ़वा से जा रहे लोगों को सीआरपीएफ के जवानों ने रोक दिया। जवानों को आशंका थी कि सड़क में बारूदी सुरंग बिछाया हुआ है। इस दौरान जवान ने मेटल डिटेक्टर से जांच के बाद लोगों को उक्त स्थान पर गाड़ी को थोड़ी दूर से ले जाने का निर्देश दिया। जांच के बाद आवाजाही सामान्य हुई।
कैंप पर सामान भेजने को दिए घोड़े
बूढ़ा पहाड़ पर कैंप कर रहे सीआरपीएफ को सामान पहुंचाने के लिए ग्रामीण घोड़े का उपयोग कर रहे हैं। ग्रामीण विकास यादव ने कहा कि सबसे पहले उन्होंने एक घोड़ा लिया। अब उसके पास 3 घोड़े हैं। इससे उसे प्रति दिन 2000 से 2500 रुपए आमदनी हो रही है।