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पंचायत चुनाव को लेकर सरकार से जवाब तलब

राज्य में पंचायत चुनाव कराने के लिए दायर याचिका पर सुनवाई करते हाईकोर्ट ने सरकार को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन और जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत ने सरकार को यह बताने को कहा है कि राज्य में पंचायत चुनाव क्यों नहीं कराया जा रहा है। जिन जनप्रतिनिधियों का कार्यकाल समाप्त हो गया है, उनके कार्यकाल या अधिकार का विस्तार किस कानून के तहत किया जा रहा है। अगले सप्ताह सरकार को इस पर
विस्तृत जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया गया है।

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पंडित की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने यह निर्देश दिया। प्रार्थी का पक्ष रखते हुए अधिवक्ता राधाकृष्ण गुप्ता ने अदालत को बताया कि सरकार पंचायत चुनाव नहीं करा कर नियमों का उल्लंघन कर रही है। संविधान के अनुच्छेद 243 में यह स्पष्ट प्रावधान है कि कार्यकाल समाप्त होते ही चुनाव कराया जाना अनिवार्य है, लेकिन झारखंड सरकार पंचायतों को सशक्त करने के बदले सारे अधिकार अपने पास रखना चाहती है। अदालत से सरकार के 7 जनवरी 2021 को जारी उस आदेश पर रोक लगाने की भी मांग की गयी,
जिसमें पंचायत चुनाव को आगे बढ़ाते हुए छह माह के लिए सभी पंचायत प्रतिनिधियों का अधिकार दिए गए हैं। पंचायत चुनाव पर सरकार अध्यादेश लाने जा रही है : सरकार की ओर से बताया गया कि पंचायत चुनाव के मामले पर सरकार एक अध्यादेश भी लाने जा रही है। इस अध्यादेश के माध्यम से कुछ बदलाव किए जा सकते हैं। इसका प्रार्थी की ओर से विरोध किया गया। प्रार्थी का कहना था कि पंचायत अधिनियम में किसी भी प्रकार का संशोधन केंद्र सरकार ही कर सकती है। राज्य सरकार को यह अधिकार नहीं है।

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