देवघर के पांच प्रमुख नदियां (River) सूखने की कगार पर
देवघर जिले की नदियों (River) की स्थिति बहुत खराब है. वर्तमान नदियों में रेत ही रेत, कहीं-कहीं झाड़ी उग आयी है. जिले की पांच प्रमुख नदियां बहती हैं, जिसमें
अजय नदी, पतरो नदी, जयंती नदी, मयूराक्षी नदी, डढ़वा नदी हैं. देवघर जिले की इन नदियों का इतना दोहन हुआ है कि अब ड्राइ होने लगी है. इन नदियों
का जल स्तर भी काफी नीचे चला गया है.
नदियों का जल स्तर काफी नीचे चले जाने के कारण देवघर और मधुपुर शहरी जलापूर्ति योजनाएं प्रभावित हो रही
है. शहर में लोगों को पाइप लाइन से पानी मिलने में दिक्कत होने लगी है. अलार्मिंग स्थिति का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि अजय, पतरो, जयंती
नदी और डढ़वा नदी में पानी की कमी होने लगी है. नदियों में चैनल खोद कर पानी सप्लाई किया जा रहा है. वहीं जल स्तर को मेनटेन करने के लिए पुनासी डैम और अजय बराज से पानी छोड़ा जा रहा है ताकि
कनेक्टिंग नदियों में पानी रहे और लोगों को पीने के पानी और सिंचाई की दिक्कत नहीं हो.
उद्योग को भी हो रही दिक्कत
नदियों में पानी रहता है तो आसपास के इलाके में जल स्तर ठीक रहता है. लेकिन देवघर की नदियां ही सूखने लगी है, इस कारण देवघर
और मधुपुर इलाके में जो भी उद्योग धंधे लगे हैं, पानी की दिक्कत हो रही है. क्योंकि
जल स्तर इतना नीचे चला गया है कि 1500 फीट बोरिंग में भी पानी नहीं निकल रहा है. सप्लाई वाटर तो पीने के लिए
ही पर्याप्त नहीं मिल पा रहा है तो उद्योगों को कैसे मिलेगा. देवघर जिले के ग्रामीण इलाके के लोग- लेकिन जो नदी किनारे रहते हैं. आज से 10-20 साल पहले लोग नदी में स्नान करते थे.देवघर कपड़ा धोते थे. पीने का पानी लेकर घर में जो भी * जाते थे. लेकिन आज स्थिति यह है कि पानी की नदी में लोगों को पानी नहीं मिलता है.
ये लोग नदी के बालू के हटा कर चुआं खोद कर पानी निकालते हैं और पीने के लिए बोरिंग पानी अपने घर ले जाते हैं. देवघर, देवीपुर,. सारवां, सारठ, सोनारायठाढ़ी, करौं, पालोजोरी, मारगोमुंडा, मोहनपुर और मधुपुर प्रखंड के ग्रामीण इलाके के लोगों को पेयजल की दिक्कत हो रही है.